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एशियाई युवा मुक्केबाजी में भारत ने जीते 3 स्वर्ण और 6 रजत पदक

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, सोमवार, 30 अगस्त 2021 (23:01 IST)
नई दिल्ली। विश्व युवा कांस्य पदक विजेता विश्वमित्र चोंगथाम (51 किलो), विशाल (80 किलो) और नेहा (54 किलो) ने दुबई में एशियाई युवा मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सोमवार को स्वर्ण पदक जीतकर भारत का दबदबा कायम रखा, जबकि 6 अन्य भारतीय मुक्केबाजों ने रजत पदक जीते।

चोंगथाम ने उजबेकिस्तान के कुजिबोएव अहमदजोन को 4-1 से हराया। दूसरी ओर विशाल ने किर्गीस्तान के अकमातोव संजार को 5-0 से मात दी। महिलाओं में नेहा ने कजाखस्तान की ऐशागुल एलेयुबाएवा को 3-2 से हराया।

वहीं विश्वनाथ सुरेश (48 किलो) को रजत पदक से संतोष करना पड़ा जो मौजूदा युवा विश्व चैंपियन कजाखस्तान के संजार ताशकेनबे से 0-5 से हार गए। वंशज (63.5 किलो) को कजाखस्तान के एरनुर सुयुनबे ने 5-0 से हराया। जयदीप रावत (71 किलो) उजबेकिस्तान के अब्दुल्लाएव अलोखोन के खिलाफ अपना मुकाबला पूरा नहीं कर पाए।

महिला वर्ग में निवेदिता (48 किलो) फाइनल में उजबेकिस्तान की फरजोना फाजिलोवा से हार गईं। वहीं तमन्ना (50 किलो) को उजबेकिस्तान की सबीना बोबोकुलावा ने 4-1 से हराया। सिमरन को उजबेक मुक्केबाज काजाकोवा फेरूजा ने ही 5-0 से शिकस्त दी। एक महिला समेत पांच मुक्केबाजों ने सेमीफाइनल में हार के बाद कांस्य पदक जीता था।

इससे पहले एशियाई जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत ने आठ स्वर्ण पदक जीतकर अपने अभियान का अंत किया। इनमें से छह स्वर्ण पदक लड़कियों ने जीते। इसके अलावा भारत ने पांच रजत और छह कांस्य पदक भी हासिल किए। भारत की छह लड़कियां फाइनल में पहुंची थीं, जिनमें से छह ने स्वर्ण पदक जीते जबकि चार अन्य को रजत पदक मिला। लड़कों के वर्ग में तीन भारतीय फाइनल में पहुंचे थे जिनमें से दो स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे।

भारत ने कजाखस्तान के बराबर स्वर्ण पदक जीते। उज्बेकिस्तान नौ स्वर्ण पदक के साथ शीर्ष पर रहा। राष्ट्रीय चैंपियन रोहित चमोली (48 किग्रा) और भरत जून (81 किग्रा से अधिक) ने लड़कों के वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर शुरुआत की। इसके बाद लड़कियों के वर्ग में वीशू राठी (48 किग्रा), तनु (52 किग्रा), निकिता चंद (60 किग्रा), माही राघव (63 किग्रा), प्रांजल यादव (75 किग्रा) और कीर्ति (81 किग्रा से अधिक) ने सोने के तमगे हासिल किए।
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कीर्ति ने कजाखस्तान की शुगल्या रीसबेक को 4-1 से जबकि माही राघव ने कजाखस्तान की अलगेरिम काबदोल्दा को 3-2 से हराया। निकिता ने कजाखस्तान की असेम तनातर को जबकि प्रांजल ने कजाखस्तान की अखजान को 4-1 से हराया।

रूद्रिका (70 किग्रा) उज्बेकिस्तान की ओइशा तेरोवा से 1-4 से और संजना (81 किग्रा) कजाखस्तान की उमित अहिलकाइर से 0-5 से हार गईं। आंचल सैनी (57 किग्रा) को भी कजाखस्तान की उलझान सारसेनबे से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
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भारत की तरफ से देविका घोरपड़े (50 किग्रा), आरज़ू (54 किग्रा) और सुप्रिया रावत (66 किग्रा) ने लड़कियों के वर्ग में जबकि आशीष (54 किग्रा), अंशुल (57 किग्रा) और अंकुश (66 किग्रा)) ने लड़कों के वर्ग में कांस्य पदक जीते।

पिछली एशियाई जूनियर चैंपियनशिप 2019 में भारत 21 पदक (छह स्वर्ण, नौ रजत और छह कांस्य) के साथ तीसरे स्थान पर रहा था। जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक विजेताओं को 4,000 डॉलर जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 2,000 डॉलर और 1,000 डॉलर दिए जाएंगे।
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युवा प्रतियोगिता के फाइनल में अब प्रीति (57 किग्रा), प्रीति दहिया (60 किग्रा), खुशी (63 किग्रा), स्नेहा (66 किग्रा), खुशी (75 किग्रा), तनिशबीर (81 किग्रा) महिला वर्ग में फाइनल खेलेंगी। यह पहला अवसर है जबकि दोनों आयु वर्ग (जूनियर और युवा) चैंपियनशिप एक साथ आयोजित की जा रही है।(भाषा)

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