मेजबान हरियाणा रहा खेलो इंडिया का सरताज, देखिए किस राज्य को मिले कितने मेडल्स
मुक्केबाज़ों के स्वर्णिम प्रदर्शन से हरियाणा बना खेलो इंडिया का चैंपियन
पंचकूला: हरियाणा के मुक्केबाज़ों ने सोमवार को खेलो इंडिया यूथ गेम्स के अंतिम दिन स्वर्णिम प्रदर्शन करते हुए अपने राज्य को प्रतियोगिता का खिताब जिताया।
मेज़बान राज्य हरियाणा और गत वर्ष चैम्पियन महाराष्ट्र 41-41 स्वर्ण जीतकर बराबरी पर थे, लेकिन हरियाणा ने मुक्केबाज़ी के 20 में से 10 स्वर्ण जीतकर महाराष्ट्र को शिकस्त दी। हरियाणा ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में कुल 52 स्वर्ण, 39 रजत और 46 कांस्य पदक जीते। पिछला विजेता महाराष्ट्र 45 स्वर्ण , 40 रजत और 40 कांस्य पदक ही जीत सका।
कर्नाटक ने प्रतियोगिता में 22 स्वर्ण के साथ तीसरा स्थान हासिल किया, जिसमें से 19 तैराकी में जीते गये। मणिपुर ने 19 स्वर्ण के साथ तीसरा और केरल ने 18 स्वर्ण के साथ चौथा स्थान प्राप्त किया।
महाराष्ट्र ने दिन की शुरुआत मलखंब एकल पोल प्रतियोगिता में जीत के साथ की थी।राज्य की लड़कों और लड़कियों की खो-खो टीम ने स्वर्ण जीतकर उन्हें पदक तालिका में बढ़त भी दिलायी, लेकिन हरियाणा की लड़कियों ने हैंडबॉल फाइनल में हिमाचल प्रदेश को 29-28 से हराकर मुकाबले को जिंदा रखा।
समापन समारोह में अपने संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ,इतने वर्षो में देश के प्रतिभावान खिलाड़ियों ने विभिन्न मंचों पर विभिन्न खेलों में अपने प्रदर्शन से खुद को, अपने परिवार को और देश को गौरवान्वित किया है। उनकी प्रतिभा और प्रदर्शन 21वीं सदी में विश्व स्तर पर भारत की लगातार बढ़ती क्षमता की बानगी देते हैं।
उन्होंने आगे कहा , आज देश के युवा खिलाड़ियों की उम्मीदें और आकांक्षायें फैसले लेने और नीतियां बनाने का आधार बन रही हैं। नयी शिक्षा नीति में खेलों को बढ़ावा देने से आधुनिक खेलों के बुनियादी ढांचे को तैयार करने पर जोर दिया गया है।अंतत: जब मुकाबला बॉक्सिंग रिंग में आया तो हरियाणा ने सबको चारों खाने चित्त कर दिया। मेज़बान राज्य की आठ मुक्केबाजों में से छह ने लड़कियों के वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, जबकि पांच में से चार लड़कों ने फाइनल मुकाबला अपने नाम किया। बॉक्सिंग फाइनल में महाराष्ट्र के चार दावेदार थे लेकिन उनमें से सिर्फ एक ही जीत के साथ लौट सका।
दिन के अंत तक हरियाणा ने मुक्केबाज़ी (10 स्वर्ण) और कुश्ती (16 स्वर्ण) में अपना वर्चस्व साबित करते हुए खेलो इंडिया का यह संस्करण जीत लिया। उनके तैराकों और वेटलिफटर्स ने भी चार-चार स्वर्णों के साथ महत्वपूर्ण योगदान दिया।
महाराष्ट्र के एथलीटों ने आठ स्वर्ण अपने खाते में डाले जबकि उनके तैराकों, जिमनास्ट और योगासन खिलाड़ियों ने छह-छह स्वर्ण जीते। महाराष्ट्र ने कुश्ती और वेटलिफ्टिंग में तीन-तीन पदक जीते।
प्रतियोगिता के आखिरी दिन, मिजोरम ने फाइनल में केरल को 5-1 से हराकर अपनी लड़कों की फुटबॉल टीम के साथ दो स्वर्ण पदक जीते और जेहो पुंघेटा ने पश्चिम बंगाल के अंकुर भट्टाचार्य को 4-2 से हराकर लड़कों के टेबल टेनिस एकल का ताज हासिल किया।
इसके अलावा, पंजाब की लड़कियों ने तमिलनाडु को 68-57 से और कर्नाटक के लड़कों ने राजस्थान को 67-62 से हराकर बास्केटबॉल में दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए, जबकि दिल्ली के लड़कों ने हरियाणा को 38-31 से हराकर हैंडबॉल स्वर्ण जीता।
प्रतियोगिता के आखिरी दिन, मिजोरम ने फाइनल में केरल को 5-1 से हराकर अपनी लड़कों की फुटबॉल टीम के साथ दो स्वर्ण पदक जीते और जेहो पुंघेटा ने पश्चिम बंगाल के अंकुर भट्टाचार्य को 4-2 से हराकर लड़कों के टेबल टेनिस एकल का ताज हासिल किया।
इसके अलावा, पंजाब की लड़कियों ने तमिलनाडु को 68-57 से और कर्नाटक के लड़कों ने राजस्थान को 67-62 से हराकर बास्केटबॉल में दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए, जबकि दिल्ली के लड़कों ने हरियाणा को 38-31 से हराकर हैंडबॉल स्वर्ण जीता।
खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने सभी प्रतियोगियों को बधाई देते हुए कहा , इन खेलों में 12 नये राष्ट्रीय रिकॉर्ड बने और मैं सभी खिलाड़ियों को बधाई देता हूं।उन्होंने कहा , खेलो इंडिया में अभी तक मुकाबला हरियाणा और महाराष्ट्र के बीच रहा और यहां भी कुछ अलग नहीं था । मैं हरियाणा को देश में खेलों में उसके दबदबे के लिये बधाई देता हूं।
खेलमंत्री ने उम्मीद जताई कि अगले कुछ महीने में खेलो इंडिया खेल फिर होंगे । उन्होंने कहा , हम चाहते हैं कि खेलो इंडिया युवा खेल और विश्वविद्यालय खेल नवंबर से मार्च के बीच फिर हों।इस मौके पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय खेल राज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक, हरियाणा के खेलमंत्री संदीप सिंह भी मौजूद थे।(भाषा)