नई दिल्ली। महिला मुक्केबाजों के लिए भारत के पहले विदेशी कोच स्टीफन कोटालोर्डा अपनी इस नई जिम्मेदारी को महज काम के बजाय मिशन के तौर पर ले रहे हैं और उन्होंने कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद उनके दिमाग में देश के लिए ओलंपिक में उपलब्धि हासिल करना है।
फ्रांसीसी कोटालोर्डा अगले सप्ताह भारत आएंगे। इससे पहले उन्हें जून के पहले सप्ताह में यहां पहुंचना था लेकिन कागजी कार्रवाई के कारण उनके आने में देरी हुई।
यूरोपीय मुक्केबाजी परिसंघ कोच आयोग के सदस्य 41 वर्षीय कोटालोर्डा ने ई-मेल पर दिए गए साक्षात्कार में भारत के लिए अपनी योजनाओं का खुलासा किया।
उन्होंने कहा, मेरी इस मिशन में दिलचस्पी थी क्योंकि इसका उद्देश्य ओलंपिक के लिए महिला टीम तैयार करना था। भारतीय मुक्केबाजी अच्छी तरह से विकास कर रही है और इसका सबूत यह है कि भारत इस साल युवा एवं जूनियर विश्व चैंपियनशिप का आयोजन कर रहा है। भारत नवंबर में गुवाहाटी में इस चैंपियनशिप का आयोजन करेगा।
फ्रांस में महिलाओं के लिए अनुभवी कोच होने के साथ कोटालोर्डा एआईबीए पेशेवर मुक्केबाजी और विश्व मुक्केबाजी सीरीज से भी पंजीकृत कोच हैं। उनसे काफी उम्मीदें की जा रही हैं। उनके पद भार संभालने के कुछ महीनों बाद ही सीनियर महिला मुक्केबाजों को नवंबर में वियतनाम में एशियाई चैंपियनशिप में हिस्सा लेना है।
भारत में महिला मुक्केबाजी के बारे में वह कोटालोर्डा जितना भी जानते हैं, उससे काफी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, भारतीय महिला मुक्केबाजों ने देश के लिए पदक जीते हैं और आपके पास एमसी मेरीकोम के रूप में दुनिया की मशहूर चैंपियन है। जहां तक एशिया में मुक्केबाजी का सवाल है तो भारत बड़ा देश है।
कोटालोर्डा ने कहा, मेरी त्वरित योजना जितना संभव हो उतने अधिक मुक्केबाजों से मिलना है, जिससे कि मैं लड़कियों के आम स्तर का अनुमान लगा सकूं। मैं अपने साथ काम करने वाले अन्य कोच और फिर भारतीय प्रणाली के बारे में भी जानना चाहूंगा। (भाषा)