जकार्ता। भारतीय महिला हॉकी टीम 1998 के बाद पहली बार एशियन गेम्स के फाइनल में पहुंच गई है। बुधवार को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में उसने तीन बार की एशियन चैम्पियन चीन को 1-0 से हराया। मैच का एकमात्र निर्णायक गोल चौथे क्वार्टर में गुरजीत कौर ने सातवें पेनल्टी कॉर्नर पर दागा। इस टूर्नामेंट में गुरजीत का यह दूसरा गोल था।
पुरुष हॉकी के सेमीफाइनल में गुरुवार को शाम 4 बजे भारत की टक्कर मलेशिया से होगी जबकि शाम साढ़े छह बजे पाकिस्तान की भिड़ंत जापान से होगी। पूरी संभावना है कि एशियाड के फाइनल में भारत और पाकिस्तान भिड़ेंगे।
महिला हॉकी के सेमीफाइनल में आज भारत को 7 पेनल्टी कॉर्नर मिले, जिनमें से केवल एक को गोल में बदला जा सका। हालांकि भारतीय महिलाओं ने मैदानी गोल करने के चार सुनहरे मौके भी गंवाए वरना जीत का अंतर और अधिक होता। चार क्वार्टर में से तीन क्वार्टर में भारत हावी होने के बावजूद एक ही गोल करने में कामयाब हुआ।
चौथे क्वार्टर में भारत को सातवां पेनल्टी कॉर्नर मिला। इस पर टीम ने रणनीति में परिवर्तन किया। गुरजीत ने इस कॉर्नर पर ड्रेग फ्लिक लगाई जो बंदूक की गोली की तरह चीनी गोलकीपर को छकाती हुई दायीं नेट में झूल गई। इसी के साथ भारत 10 से आगे हो गया। अंतिम पांच मिनट में कप्तान रानी रामपाल भी गोल करने से चूकीं।
जब खेल खत्म होने में आखिरी साढ़े तीन मिनट बचे थे, तब चीन ने अपनी उस गोलकीपर को बदला, जिसने 12 हमलों में से केवल एक पर ही गोल खाया था। अंतिम डेढ़ मिनट तक भी भारत हावी रहा। आखिरकार 1982 की एशियन महिला चैम्पियन भारतीय महिला टीम 20 सालों के लंबे इंतजार के बाद जकार्ता एशियाड के फाइनल में पहुंचने में सफल रही।
टीम इंडिया का हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को तोहफा : भारतीय महिला हॉकी टीम ने बुधवार को एशियाड के फाइनल में पहुंचकर मेजर ध्यानचंद को तोहफा दिया है, जिनके जन्मदिन को पूरा देश 'खेल दिवस' के रूप में मनाता है। पूरा देश चाहता था कि भारत चीन को हराकर एशियाड के फाइनल में पहुंचे और महिला हॉकी टीम ने देश को निराश भी नहीं किया। (वेबदुनिया न्यूज)