सोलन। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के तत्वाधान में फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी) ने रोप स्किपिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से एकदिवसीय एंटी डोपिंग कार्यशाला का चिन्मय स्कूल नौनी में आयोजन किया।
इस कार्यशाला में नाडा के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. विवेक मेधी मुख्य अतिथि वक्ता थे और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डोपिंग का सेवन करने से खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर पड़ता है और इसके भयावह परिणाम होते हैं।
डॉ. विवेक मेधी, चिन्मय स्कूल के निदेशक डॉ. रवि दत्त गौड़, फिजिकल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सचिव डॉ. पियूष जैन, रोप स्किपिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष शैलेश शुक्ला, राष्ट्रीय महासचिव निर्देश शर्मा, मीडिया प्रभारी अशोक कुमार निर्भय ने कार्यशाला का उद्घाटन किया।
देशभर के विभिन्न राज्यों से आए रोप स्किपिंग प्रशिक्षकों, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों से भाग लेने आए शारीरिक शिक्षकों को अपने सम्बोधन में नाडा के क्षेत्रीय संयोजक डॉ विवेक मेधी ने खेलों और खिलाड़ियों में प्रतिबंधित दवाइयों और भोजन के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया।
डॉ. मेधी ने कहा कि जाने अनजाने में हम कुछ भोज्य पदार्थ या दवाइयों का सेवन करते रहते हैं जिनका दूरगामी परिणाम बड़ा ही भयावह होता है जब लिवर, किडनी, हड्डियों से सम्बंधित समस्याओं से व्यक्ति ग्रसित हो जाता है जिसके बाद वह ना समाज और ना देश के लिए कुछ करने लायक रहता है।
उन्होंने कहा कि डोपिंग का सेवन करने से खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी बहुत असर पड़ता है। उन्होंने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को शपथ दिलाई कि वह कभी प्रतिबंधित दवाइयों का सेवन जीवन में नहीं करेंगे।