श्राद्ध में पितृ भोग के समय अग्नि का भाग देना क्यों जरूरी, पढ़ें कथा

Webdunia
Pitru Paksha 2021
 
अभी श्राद्ध पक्ष चल रहा है। पितृ पर्व के इन दिनों में लगभग सभी के घरों में पितृ तर्पण करके उनको याद किया जाता है। श्राद्ध पक्ष में पितरों और देवताओं के लिए कई तरह के भोग बनाए जाते हैं। लेकिन सबसे पहले उन भोगों को अग्नि को समर्पित किया जाता है। कंडे की धूप जलाकर उस पर यह भोजन अर्पित किया जाता है। फिर जो चावल के लड्डू बनाए जाते हैं वह किसी बहते जल में अर्पित किए जाते हैं। हालांकि अग्नि को समर्पित किए जाने के पीछे एक कथा है।
 
एक पौराणिक कथा के अनुसार श्राद्ध का भोजन लगातार करने से पितरों को अजीर्ण हो गया और इससे उन्हें शरीर में कष्ट होने लगा। ऐसे में वे सभी ब्रह्माजी के पास गए और उनसे इस कष्ट निवारण का उपाय पूछा। तब ब्रह्माजी बोले- 'मेरे निकट ये अग्निदेव बैठे हैं। ये ही आपका कष्ट निवारण करेंगे।'
 
तब अग्निदेव बोले- 'देवताओं और पितरों अब से श्राद्ध में हम लोग साथ ही भोजन किया करेंगे। मेरे साथ रहने से आप लोगों का अजीर्ण दूर हो जाएगा और फिर कभी कष्ट नहीं होगा।' कहते हैं कि तभी से श्राद्ध में सबसे पहले अग्नि का भाग दिया जाता है। 
 
महाभारत के अनुसार, अग्नि में हवन करने के बाद जो पितरों के निमित्त पिंडदान दिया जाता है, उसे ब्रह्मराक्षस भी दूषित नहीं करते। श्राद्ध में अग्निदेव को उपस्थित देखकर राक्षस वहां से भाग जाते हैं। सबसे पहले पिता को, उनके बाद दादा को उसके बाद परदादा को पिंड देना चाहिए। यही श्राद्ध की विधि है। 
 
प्रत्येक पिंड देते समय एकाग्रचित्त होकर गायत्री मंत्र का जाप तथा सोमाय पितृमते स्वाहा का उच्चारण करना चाहिए।

ALSO READ: पितृ पक्ष : श्राद्ध पक्ष में सर्वपितृ अमावस्या की ये 10 बातें जरूर जान लें

ALSO READ: पितृ पक्ष द्वितीया श्राद्ध की खास बातें, क्या करें और क्या न करें
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

बुध ग्रह का तुला राशि में उदय, 4 राशियों के लिए रहेगा बेहद शुभ समय

करवा चौथ पर राशि के अनुसार पहनें परिधान

Diwali muhurat 2024 : दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त और सामग्री सहित पूजा विधि

सभी देखें

धर्म संसार

22 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 अक्टूबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

Deepawali 2024 : कैसे शुरू हुआ अन्य धर्मों में दिवाली उत्सव, जानें रोचक तथ्य

अगला लेख
More