जान लीजिए वह 16 कारण जिनसे लगता है पितृ दोष...

Webdunia
इन 16 कारणों से लगता है पितृ दोष
 
प्रत्येक मनुष्य की इच्छा रहती है कि वह एवं उसका परिवार सुखी एवं संपन्न रहे। मनुष्य को अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए देवता के साथ-साथ अपने पितरों का भी पूजन करना चाहिए।

मनुष्य अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का अनुभव करता है। लेकिन कुछ कष्ट एवं अभाव ऐसे होते हैं जिन्हें सहन करना असंभव हो जाता है। ज्योतिषी, वास्तुशास्त्री, तांत्रिक, मांत्रिक जो-जो कारण बतलाते हैं, उन्हें निर्मूल करने के लिए जो प्रयास किए जाते हैं, उनका लाभ कभी नहीं, कभी कुछ तथा कभी पूर्ण रूप से प्राप्त होता है। इनमें एक है पितृ शांति।
 
 आइए जानते हैं... पितृ दोष क्यों, कैसे तथा कब होता है
 
(1) पितरों का विधिवत् संस्कार, श्राद्ध न होना।
 
(2) पितरों की विस्मृति या अपमान।
 
(3) धर्म विरुद्ध आचरण।
 
(4) वृक्ष, फल लदे, पीपल, वट इत्यादि कटवाना।
 
(5) नाग की हत्या करना, कराना या उसकी मृत्यु का कारण बनना।
 
(6) गौहत्या या गौ का अपमान करना।
 
(7) नदी, कूप, तड़ाग या पवित्र स्थान पर मल-मूत्र विसर्जन।
 
(8) कुल देवता, देवी, इत्यादि की विस्मृति या अपमान।
 
(9) पवि‍त्र स्थल पर गलत कार्य करना।
 
(10) पूर्णिमा, अमावस्या या पवित्र तिथि को संभोग करना।
 
(11) पूज्य स्त्री के साथ संबंध बनाना।
 
(12) निचले कुल में विवाह संबंध करना।
 
(13) पराई स्त्रियों से संबंध बनाना।
 
(14) गर्भपात करना या किसी जीव की हत्या करना।
 
(15) कुल की स्त्रियों का अमर्यादित होना।
 
(16) पूज्य व्यक्तियों का अपमान करना इत्यादि कई कारण हैं।

ALSO READ: श्राद्ध पक्ष में कैसे पहुंचता है पितरों को भोजन

ALSO READ: अमावस्या का उपवास करता है पितरों को तृप्त और प्रसन्न, जानिए 8 खास बातें

सम्बंधित जानकारी

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

शुक्र के धनु राशि में गोचर से 4 राशियों को होगा जबरदस्त फायदा

Aaj Ka Rashifal: 13 नवंबर के दिन किन राशियों को मिलेगी खुशखबरी, किसे होगा धनलाभ, पढ़ें 12 राशियां

Vaikuntha chaturdashi date 2024: वैकुण्ठ चतुर्दशी का महत्व, क्यों गए थे श्री विष्णु जी वाराणसी?

13 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

13 नवंबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Dev uthani ekadasshi 2024: देव उठनी एकादशी का पारण समय क्या है?

अगला लेख
More