महाशिवरात्रि पर कितनी बार पढ़ें शिव चालीसा, जानें महत्व और पाठ के सरल नियम

Webdunia
शिव चालीसा सरल है लेकिन अत्यंत प्रभावशाली है। इस चालीसा की 40 शुभ पंक्तियां चमत्कारी हैं। शिव चालीसा के आसान शब्दों से भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सकता है। महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) के दिन शिव चालीसा का सस्वर पाठ करने से मुश्किल काम को बहुत ही आसान किया जा सकता है। यहां पढ़ें शिव चालीसा पढ़ने के सरल नियम, शिव चालीसा और मनोकामना पूर्ण करने हेतु खास पाठ- 
 
शिव चालीसा-Shiv Chalisa
 
।।दोहा।।
 
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
 
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लव निमेष महं मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। विघ्न विनाशन मंगल कारण ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी व्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तधाम शिवपुर में पावे॥

कहत अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
 
॥दोहा॥
 
नित्य नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥


शिव चालीसा पाठ की विधि-Shiv Chalisa Path Vidhi
 
* सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
 
* अपना मुंह पूर्व दिशा में रखें और कुशा के आसन पर बैठ जाएं।
 
* पूजन में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप पीले फूलों की माला और हो सके तो सफेद आक के फूल भी रखें और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।
 
* पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।
 
* शिव चालीसा का 3, 5, 11 या फिर 40 बार पाठ करें।
 
* शिव चालीसा का पाठ बोल बोलकर करें जितने लोगों को यह सुनाई देगा उनको भी लाभ होगा।
 
* शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें और भगवान शिव को प्रसन्न करें।
 
* पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।
 
* थोड़ा सा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में खाएं, बच्चों में भी बांट दें।

* मनोकामनानुसार शिव चालीसा पाठ के फायदे-Benefits Of Shiv Chalisa
 
* मन में कोई भय हो तो-
 
'जय गणेश गिरीजा सुवन' मंगल मूल सुजान
कहते अयोध्या दास तुम' देउ अभय वरदान'
 
- ऐसा लगातार 40 दिन तक करने से लाभ होगा। 
 
* दुखों और परेशानी ने यदि घेर लिया है तो-
 
'देवन जबहिं जाय पुकारा' तबहिं दुख प्रभु आप निवारा।'
 
* किसी भी कार्य को सिद्ध करने के लिए- 
 
'पूजन रामचंद्र जब कीन्हा' जीत के लंक विभीषण दीन्हा।'
 
* मनोवांछित वर प्राप्ति के लिए इस पंक्ति का पाठ करें- 
 
'कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर' भई प्रसन्न दिए इच्छित वर।'
 
* कर्ज से मुक्ति पाने के लिए इसे जपें- 
 
'ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥'
 
* धन प्राप्ति के लिए- 
 
'धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
 
* संतान प्राप्ति के लिए- 
 
'पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥'
 
* शत्रु नाश के लिए और अशुद्ध भावनाओं/विकारों से मुक्ति के लिए-  
 
'दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यही अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥'

Shiv Chalisa Benefits
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज क्‍या कहते हैं आपके तारे? जानें 22 नवंबर का दैनिक राशिफल

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

अगला लेख
More