Not many FPIs will be affected by SEBI's new disclosure norms : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को नहीं लगता है कि नए लाभकारी स्वामित्व खुलासा नियमों से बड़ी संख्या में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) प्रभावित होंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह मानदंड 1 फरवरी से लागू होने वाले हैं। ऐसे में शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। मंगलवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती लाभ को गंवाकर 1,000 अंक से अधिक टूट गया।
सूत्रों ने कहा कि जिन एफपीआई को खुलासा प्रदान करने की जरूरत हो सकती है। हालांकि यह खुलासा परिचर्चा पत्र में सेबी के बोर्ड के अक्टूबर, 2023 के नोट की तुलना में काफी कम रहने का अनुमान है। एक सूत्र ने बुधवार को बताया कि बढ़े हुए खुलासा नियमों से छूट उन एफपीआई को प्रदान की गई है, जो एसडब्ल्यूएफ (सॉवरेन वेल्थ फंड), कुछ वैश्विक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कंपनियां, सार्वजनिक खुदरा कोष और विविध वैश्विक होल्डिंग्स वाले अन्य विनियमित पूल किए गए निवेश साधन हैं।
एफपीआई लगातार बिकवाली कर रहे : हाल के कारोबारी सत्रों में एफपीआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं। पिछले 4 कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने 27,000 करोड़ रुपए से अधिक के शेयर बेचे हैं। हालांकि इससे पहले उनकी लिवाली की मदद से स्थानीय सूचकांक रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचे थे।
सूत्र ने कहा कि बिना किसी पहचान वाले प्रवर्तक वाली कंपनियों में केंद्रित एफपीआई होल्डिंग्स में एमपीएस (न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता) मानदंडों के उल्लंघन का कोई जोखिम नहीं है। लेकिन एचडीएफसी समूह या आईसीआईसीआई समूह जैसी बिना प्रवर्तक वाली कंपनियों के लिए नए खुलासा मानदंड प्रभावी होंगे।
सूत्रों ने कहा कि समस्या तब होती है, जब कोई कोष किसी अधिकार क्षेत्र में विनियमित नहीं होता है लेकिन उसके पास एक विनियमित कोष प्रबंधक होता है। नए खुलासा मानदंडों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे सेबी धन के स्रोत या अंतिम उपयोगकर्ता का पता लगा सके।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta