इन 5 रंगों का होता है पूजा में सबसे ज्यादा उपयोग, जानिए इनका महत्व

अनिरुद्ध जोशी
रंगों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। हिन्दू धर्म में पूजा के दौरान यूं तो 3 रंगों का खास महत्व है परंतु अन्य 2 रंगों का भी उपयोग होता है। इस तरह पंचरंगी पूजा होती है। आओ जानते हैं इन 5 रंगों का महत्व।
 
 
1. सफेद रंग : प्राचीनकाल में यज्ञ या महत्वपूर्ण पूजा के दौरान सफेद रंग का बहुत महत्व था। पूजा के दौरान सफे धोती पहनकर ही बैठना होता है। पूजा के दौरान सफेद रंग का सूती कपड़ा पाट पर बिछाने के लिए पूजा में उपयोग करते हैं। प्राचीन काल में भारतीय दुल्हनें सफेद रंग का ही उपयोग करती थी। जिसमें पितांबरी पट्टा होता था। पूजा में सफेद अबीर का उपयोग करते हैं।
 
ALSO READ: पीला रंग क्यों है हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण, जानिए अद्भुत जानकारी
 
2. पीला रंग : किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य या पूजा-पाठ में में पीले रंग का बहुत उपयोग किया जाता है। पूजा में हल्दी और चंतन का उपयोग किया जाता है जो कि पीले होते हैं। पीले रंग के वस्त्र भगवान विष्णु और उनके अवतारों को पहनाए जाते हैं। श्रीकृष्ण को पितांबर कहते हैं।
 
3. लाल रंग : मां दुर्गा के मंदिरों में आपको लाल रंग की ही अधिकता दिखाई देगी। कुमकुम या कुंकु का उपयोग पूजा में किया जाता है जो कि लाल रहता है। लाल रंग का अबीर भी होता है। माता दुर्गा को लाल और हरे रंगी की चूढ़ियां अर्पित की जाती है। विवाह के समय विवाहित महिला लाल रंग की साड़ी और हरी चूड़ियां पहनती है। इसके अलावा विवाह के समय दूल्हा भी लाल या केसरी रंग की पगड़ी ही धारण करता है, जो उसके आने वाले जीवन की खुशहाली से जुड़ी है। मां लक्ष्मी को लाल रंग प्रिय है। मां लक्ष्मी लाल वस्त्र पहनती हैं और लाल रंग के कमल पर शोभायमान रहती हैं। 
 
4. सिन्दूरी रंग, केसरिया या भगवा रंग : रामभक्त हनुमान को लाल व सिन्दूरी रंग प्रिय हैं इसलिए भक्तगण उन्हें सिन्दूर अर्पित करते हैं। गणेशजी को भी सिन्दूर अर्पित किया जाता है। हनुमानजी और गणेशजी की प्रतिमा को सिंदूर से रंगा जाता है।
 
5. हरा रंग : यह रंग माता पार्वती और भगवान शिव को अत्यधिक पसंद हैं। गणेश, माता दुर्गा और माता लक्ष्मी को भी यह रंग प्रिय है। माता दुर्गा को हरे रंग की मेहंदी, चुनरियां और चुड़ियां अर्पित की जाती हैं। पूजा में इस रंग के कपड़े का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा पान, केल के पत्ते, दूब, आम की पत्तियां का भी पूजा में उपयोग किया जाता है। महिलाओं के 16 श्रृंगार में इसी रंग की अधिकता होती है।  

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev uthani ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी की 3 पौराणिक कथाएं

Tulsi Vivah vidhi: देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह की संपूर्ण विधि

शुक्र के धनु राशि में गोचर से 4 राशियों को होगा जबरदस्त फायदा

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

Tulsi vivah Muhurt: देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त क्या है, जानें विधि और मंत्र

सभी देखें

धर्म संसार

09 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

09 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

ज्योतिष की नजर में क्यों हैं 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

Akshaya Navami 2024: आंवला नवमी पर इस कथा को पढ़ने या सुनने से मिलता है अक्षय फल

अगला लेख
More