चार प्रकार के भक्त, जानिए आप किस प्रकार के हैं

अनिरुद्ध जोशी
संध्यावंदन, योग, ध्यान, तंत्र, ज्ञान, कर्म के अलावा भक्ति भी मुक्ति का एक मार्ग है। भक्ति भी कई प्रकार ही होती है। इसमें श्रवण, भजन-कीर्तन, नाम जप-स्मरण, मंत्र जप, पाद सेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य, पूजा-आरती, प्रार्थना, सत्संग आदि शामिल हैं। इसे नवधा भक्ति कहते हैं। लेकिन हम आपको बताएंगे गीत में उल्लेखित चार तरह के भक्तों के बारे में।
 
 
नवधा भक्ति क्या है?
श्रवणं कीर्तनं विष्णोः स्मरणं पादसेवनम्।
अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम् ॥
1.श्रवण 2. कीर्तन, 3. स्मरण, 4. पादसेवन, 5. अर्चन, 6. वंदन, 7. दास्य, 8. सख्य और 9.आत्मनिवेदन।
 
 
चार तरह के भक्त:- 
गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं:-
चतुर्विधा भजन्ते मां जना: सुकृतिनोऽर्जुन। 
आर्तो जिज्ञासुरर्थार्थी ज्ञानी च भरतर्षभ।। (७।१६)
 
 
अर्थात :- हे अर्जुन! आर्त, जिज्ञासु, अर्थार्थी और ज्ञानी- ये चार प्रकार के भक्त मेरा भजन किया करते हैं। इनमें से सबसे निम्न श्रेणी का भक्त अर्थार्थी है। उससे श्रेष्ठ आर्त, आर्त से श्रेष्ठ जिज्ञासु, और जिज्ञासु से भी श्रेष्ठ ज्ञानी है।
 
 
1.आर्त :- आर्त भक्त वह है जो शारीरिक कष्ट आ जाने पर या धन-वैभव नष्ट होने पर, अपना दु:ख दूर करने के लिए भगवान को पुकारता है।
 
 
2.जिज्ञासु :- जिज्ञासु भक्त अपने शरीर के पोषण के लिए नहीं वरन् संसार को अनित्य जानकर भगवान का तत्व जानने और उन्हें पाने के लिए भजन करता है।
 
 
3.अर्थार्थी :- अर्थार्थी भक्त वह है जो भोग, ऐश्वर्य और सुख प्राप्त करने के लिए भगवान का भजन करता है। उसके लिए भोगपदार्थ व धन मुख्य होता है और भगवान का भजन गौण।
 
 
4. ज्ञानी :- आर्त, अर्थार्थी और जिज्ञासु तो सकाम भक्त हैं परंतु ज्ञानी भक्त सदैव निष्काम होता है। ज्ञानी भक्त भगवान को छोड़कर और कुछ नहीं चाहता है। इसलिए भगवान ने ज्ञानी को अपनी आत्मा कहा है। ज्ञानी भक्त के योगक्षेम का वहन भगवान स्वयं करते हैं। 
 
 
इनमें से कौन-सा भक्त है संसार में सर्वश्रेष्ठ?
तेषां ज्ञानी नित्ययुक्त एकभक्तिर्विशिष्यते।
प्रियो हि ज्ञानिनोऽत्यर्थमहं स च मम प्रियः।।17।।
 
 
अर्थात : इनमें से जो परमज्ञानी है और शुद्ध भक्ति में लगा रहता है वह सर्वश्रेष्ठ है, क्योंकि मैं उसे अत्यंत प्रिय हूं और वह मुझे प्रिय है। इन चार वर्गों में से जो भक्त ज्ञानी है और साथ ही भक्ति में लगा रहता है, वह सर्वश्रेष्ठ है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Hartalika teej: हरतालिका तीज व्रत का पौराणिक महत्व और कथा

Bhadrapada Month : हिंदू कैलेंडर के छठे माह भाद्रपद मास का महत्व

Shani Gochar: 30 वर्षों के बाद समसप्तक योग बनने से इन राशियों को होगा जबरदस्त लाभ, सूर्य-शनि की बरसेगी कृपा

Puja niyam : पूजा घर में दीपक किस तरह से जलाएं कि घर में हो धन की बरसात?

Bhadrapad Vrat Tyohar 2024: भाद्रपद माह के खास व्रत-त्योहार, यहां देखिए लिस्ट एकसाथ

सभी देखें

धर्म संसार

24 अगस्त 2024 : आपका जन्मदिन

24 अगस्त 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Budh uday : बुध का कर्क राशि में उदय, 3 राशियों के लिए है बेहद ही शुभ

Janmashtami Decoration Ideas : जन्माष्टमी पर कैसे कैसे सजाएं झांकी

Ganesh chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी उत्सव पर क्या है गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त?

More