पछताएंगे इन 9 लोगों के यहां भोजन करने के बाद

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कहते हैं कि 'जैसा खाओगे अन्न, वैसा बनेगा मन' अर्थात जैसा खाना हम खाते हैं, हमारी सोच और विचार भी वैसे ही बनते हैं। भोजन से ही रोगी और भोजन से ही व्यक्ति निरोगी बनता है। लेकिन संभवत: आपको एक बात यह नहीं मालूम है कि भोजन ही हमारा भविष्य निर्धारित करता है इसीलिए भोजन की 3 श्रेणियां बनाई गई हैं- सात्विक, राजसिक और तामसिक।
 
 
यह तो थी श्रेणियों की बात लेकिन गरुड़ पुराण के अनुसार हमें कुछ लोगों के हाथों का बना भोजन भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनके हाथ का बना भोजन करने से हमें उसके पापों का दोष लगता है जिसका परिणाम अच्छा नहीं होगा है। तो आओ जानते हैं कि वे कौन लोग हैं जिनके हाथों का भोजन नहीं खाना चाहिए।
 
 
1. अपराधी व्यक्ति
किसी व्यक्ति ने चोरी की है या डाका डाला है और यदि उसका अपराध सिद्ध हो गया है तो उसके हाथ या उसके यहां का भोजन नहीं करना चाहिए। गरुड़ पुराण के अनुसार चोर या डाकू के यहां का भोजन करने पर उसके पापों का असर हमारे जीवन पर भी हो सकता है।
 
 
2. नशे का व्यापारी
किसी भी प्रकार की नशीली वस्तुओं को बेचने वाले व्यक्ति के यहां का भोजन नहीं करना चाहिए। नशे के कारण कई लोगों के घर बर्बाद हो जाते हैं तथा इसका दोष नशा बेचने वालों को भी लगता है। ऐसे लोगों के यहां भोजन करने पर उनके पाप का असर आपके जीवन पर भी होगा।
 
 
3. अत्यधिक क्रोधी 
कई ऐसे लोग देखे गए हैं, जो हमेशा ही क्रोधित रहते हैं। उनसे उनके परिवार और रिश्तेदार परेशान ही रहते हैं। ऐसे लोगों के हाथों या उनके घर का भोजन नहीं करना चाहिए। यदि हम उनके यहां भोजन करेंगे तो उनके क्रोध के गुण हमारे अंदर भी प्रवेश कर सकते हैं या उनके पापों का दोष हमें भी लगेगा।
 
 
4.निर्दयी व्यक्ति
कई लोग क्रोधी होने के साथ-साथ निर्दयी भी होते हैं। यह भी हो सकता है कि वे क्रोधी न हों लेकिन निर्दयी हों, अमानवीय हों और सभी को कष्ट देते रहते हों। ऐसे लोगों द्वारा अर्जित किए गए धन से बना खाना हमारा स्वभाव भी वैसा ही बना सकता है। हम भी निर्दयी बन सकते हैं।
 
 
5. ब्याजखोर 
वर्तमान में कई लोग ब्याज का धंधा करते हैं। ऐसे लोगों का दिमाग हर समय ब्याज की रकम के नफे और नुकसान में ही लगा रहता है। ऐसे लोग अपने ब्याज का पैसा खर्च करते हैं तो उनका दिल दुखता है। ऐसे भी कई लोग हैं, जो दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए अनुचित रूप से अत्यधिक ब्याज प्राप्त करते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार गलत ढंग से कमाया गया धन, अशुभ फल ही देता है। ऐसे लोगों के यहां भी भोजन नहीं करना चाहिए।
 
 
6.निंदक व्यक्ति
कई लोग ऐसे हैं, जो दूसरों की निंदा या चुगली ही करते रहते हैं। हो सकता है कि उनमें दूसरों के प्रति ईर्ष्या हो। चुगली करने वाले लोग दूसरों को परेशानियों में फंसाकर खुद मजे लेते हैं। यह पाप कर्म है अत: ऐसे लोगों के यहां का भोजन भी नहीं करना चाहिए।
 
 
7. हिजड़े :
हिजड़ों को नपुंसक या किन्नर भी कहा जाता है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि इन्हें दान देना चाहिए, लेकिन इनके यहां भोजन नहीं करना चाहिए। किन्नर कई प्रकार के लोगों से दान में धन प्राप्त करते हैं। इन्हें दान देने वालों में अच्छे व बुरे दोनों ही प्रकार के लोग होते हैं इसीलिए इनके यहां का भोजन वर्जित है।
 
 
8. अस्वस्थ व्यक्ति
यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर रोग या छूत से ग्रसित है तो उसके घर भी भोजन नहीं करना चाहिए। लंबे समय से रोगी इंसान के घर के वातावरण में भी बीमारियों के कीटाणु हो सकते हैं, जो कि हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि यह बात उस काल में लिखी गई थी जबकि इलाज और स्वच्छता के ज्यादा साधन नहीं थे।
 
9. चरित्रहीन महिला
यहां चरित्रहीन स्त्री का अर्थ यह है कि जो स्त्री स्वेच्छा से पूरी तरह अधार्मिक आचरण करती है। गरुड़ पुराण अनुसार जो व्यक्ति ऐसी स्त्री के हाथ या उसके यहां का भोजन करता है, वह भी उसके पापों का फल प्राप्त करता है। यह नियम चरित्रहीन पुरुष पर भी लागू होता है।

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