परस्वानां च हरणं परदाराभिमर्शनम्।
सुह्मदयामतिशंका च त्रयो दोषाः क्षयावहाः।। ६.८७.२४ ।।- वाल्मिकी रामायण
वाल्मीकि रामायण में ऐसे तीन कामों के बारे में बताया गया है जिस करन से व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो जाता है। आओ जानते हैं कि कौन-से हैं वे तीन कार्य।
दूसरों की वस्तु हड़पना : हर कोई दूसरों की वस्तु हड़पना चाहता है। ऐसे में कई लोग हैं जो दूसरों की वस्तु को हड़पने के लिए छल, कपट और युक्ति का सहारा लेते हैं। हड़पी या चुराई गई वस्तु से कभी सुख नहीं मिलता अपितु उससे व्यक्ति को नुकसान झेलना पड़ता है। दूसरों के धन का अपहरण करने वाले पापी को कृष्ण (अंधकार) नामक नरक में गिराया जाता है।
पराई स्त्री पर बुरी नजर : अक्सर लोग दूसरों की स्त्री के बारे में बुरे खयाल रखते हैं। कई पुरुष या स्त्रियां पराई स्त्री या पुरुष से संबंध बना लेते हैं यह उस व्यक्ति के साथ धोखा है जिससे उसने सात फेरे लेकर सात वचन पढ़े थे। ऐसे लोगों को जयंती नामक नरक में उनके पापों की सजा मिलती है। पराई स्त्री और पराए अन्न का सेवन करने वाला पुरुष संदर्श नामक नरक में भी डाला जाता है।
विश्वासघात : दोस्तों, परिजनों और रिश्तेदारों को धोखा देने वाले एक दिन पछताते जरूर हैं। इस प्रकार के कार्य से भगवान हमेशा के लिए रुष्ठ हो जाते हैं। ऐसे व्यक्ति को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।