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सेंगोल क्या है? नई संसद में क्यों रखी गई?

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, सोमवार, 29 मई 2023 (12:01 IST)
New Parliament 2023 : भारत की नई संसद में सेंगोल को रखा गया है। पहले विधिवत लाकर पुरोहितों ने इसे नई संसद में समारोह स्थान पर रखा और पूजा पाठ की। इसके बाद में इसे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी ने दंडवत प्रमाण किया। प्रणाम करने के बाद इसे उन्होंने अपने हाथों से मुख्‍य स्थान पर रखा। आखिर या सेंगोल क्या है? क्यों नई संसद में रखी गई है?
 
सेंगोल क्या है | What is sengol?
  1. दक्षिण भारत में सेंगोल को राजदंड कहते हैं।
  2. यह एक प्रकार की सुनहरी छड़ी होती है।
  3. सेंगोल शब्द की उत्पत्ति तमिल के सेम्मई से मानी गई है जिसका अर्थ है 'नीतिपरायणता।'
  4. सेंगोल का इतिहास चोल राजवंश से जुड़ा हुआ है।
  5. चोल वंश के राजाओं ने 1600 से अधिक वर्षों तक राज किया था।
  6. चोल राजाओं का शासन क्षेत्र बहुत ही बृहत रहा है।
  7. बंगला से लेकर संपूर्ण दक्षिण के क्षेत्रों के साथ ही समुद्री द्वीपों पर उनका राज रहा है।
  8. सेंगोल को चोल राजाओं ने 2600 वर्ष पूर्व सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बनाया था।
  9. एक राजा अपने वंश के दूसरे राजा या उत्तराधिकारी को यह राजदंड सौंपता था।
  10. यह दंड राजा को सजा देने का अधिकार देता है, परंतु राजपुरोहित राजा को पलाश दंड से मारता हुआ कहता है कि धर्मदंडयो: असि। यानि राजा को भी धर्म दंडित कर सकता है।
  11. सेंगोल के ऊपरी सिरे पर बैठे हुए नंदी की प्रतिमा बनी हुई है।
  12. समर्पण के प्रतीक नंदी की प्रतिमा इसका शैव परंपरा से संबंध प्रदर्शित करती है।
  13. नंदी भगवान शिव के आगे इसी तरह स्थिर मुद्रा में रहते हैं, जिस तरह उनकी यह स्थिरता शासन के प्रति अडिग होने का प्रतीक मानी जाती है।
  14. इस तरह के राजदंड को राजा को सौंपे जाने का प्रमाण महाभारत में भी मिलता है। युधिष्ठिर के राज्याभिषेक के दौरान उन्हें भी इसी तरह की एक झड़ी सौंपी गई थी।
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नई संसद में क्यों रखी गई सेंगोल | Why was Sengol placed in the new parliament?
  • भारत देश के सबसे पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को अंग्रेजो ने सेंगोल 1947 मे सौंपा था।
  • जवाहर लाल नेहरू जी को सौंपे जाने के बाद से सेंगोल को सभी लोग भूल गए थे, तभी से ये प्रयागराज में नेहरू संग्रहालय में सुरक्षित रखी हुई थी।
  • अब वर्तमान सरकार ने सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किया है। 
  • 27 मई 2023 शनिवार को तमिलनाडु से दिल्ली आए अधीनम यानी पुजारी ने पीएम मोदी को मंत्रोच्चारण के बीच सेंगोल सौंपा।
  • इसके बाद संसद के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने संगोल को दंडवत प्रणाम करके नए संसद भवन में स्थापित किया।
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई 2023 रविवार सुबह हवन पूजन के साथ लोकसभा स्पीकर की कुर्सी के पास सेंगोल की स्थापना के बाद नए संसद भवन का उद्घाटन किया।
  • प्रधानमंत्री ने ‘सेंगोल’ (राजदंड) को दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया। इसके बाद ‘नादस्वरम्’ की धुनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी सेंगोल को नए संसद भवन लेकर गए और इसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष के आसन के दाईं ओर एक विशेष स्थान में स्थापित किया।

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