नई दिल्ली/बेंगलुरु। यूक्रेन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को एक हाईलेवल मीटिंग की अध्यक्षता की। यूक्रेन और रूस के बीच जंग का आज छठा दिन है। यूक्रेन में हजारों भारतीय फंसे हैं, जिन्हें निकालने की कोशिशें लगातार जारी हैं। योरपीय यूनियन ने भी भारतीय छात्र की मौत पर दु:ख जताया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन पर बात की। दोनों नेताओं की ऐसे समय में बातचीत हुई है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पूर्वी यूरोप के इस युद्धग्रस्त देश के खारकीव शहर में मंगलवार सुबह गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई।
इसके कुछ ही घंटे पहले यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने छात्रों सहित सभी भारतीयों को उपलब्ध ट्रेन या किसी अन्य माध्यम से आज तत्काल कीव छोड़ने का सुझाव दिया था। गोलाबारी में मारा गया भारतीय यूक्रेन में मेडिकल का विद्यार्थी था। रूस के हमले के बाद यूक्रेन में जारी युद्ध में यह किसी भारतीय व्यक्ति की मौत का पहला मामला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में जारी युद्ध और वहां से भारतीयों, विशेषकर छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए चलाए जा रहे अभियान के बीच मंगलवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई। पिछले 48 घंटे में यूक्रेन के मुद्दे पर उनकी यह चौथी बैठक है। सूत्रों ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामक सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए वायुसेना को मोर्चे पर जुट जाने को कहा है।
सी-17 विमान की तैनाती : भारतीय वायुसेना यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाए जा रहे आपरेशन गंगा नामक इस अभियान के तहत, कई सी-17 विमान तैनात कर सकती है। इस विमान की क्षमता करीब 300 यात्रियों की है। अभी तक रोमानिया और हंगरी से केवल निजी परिचालकों द्वारा भारतीयों को वापस लाया जा रहा है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद युद्धग्रस्त देश का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से लगी उसकी (यू्क्रेन की) सीमा चौकियों के जरिए वहां से बाहर निकाल रहा है।