दूसरे विश्‍वयुद्ध में महाराजा दिग्विजय सिंह ने बचाई थी हजारों पौलेंडवासियों की जान, पौलेंड आज वही अहसान चुका रहा है

Webdunia
गुरुवार, 3 मार्च 2022 (15:20 IST)
फोटो: साभार विकि‍पिडि‍या
कहते है इतिहास खुद को दोहराता है, और जो दुनिया को जैसा देता है, वैसा लौटकर कभी न कभी उसके पास आता ही है। रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है।

दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध हो जाने से कई हजार भारतीय स्टूडेंट्स यूक्रेन में फंस चुके हैं। इन्‍हें वापस लाने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ चलाया जा रहा है, यहां तक कि भारत सरकार ने अपने तीन मंत्र‍ियों को भी रोमानिया और पौलेंड की बॉर्डर पर स्‍टूडेंट की मदद के लिए भेजा है।

लेकिन इसी बीच खबर है कि पोलैंड के राजदूत एडम बुराकोस्की ने कहा है कि भारतीय छात्रों के लिए स्पेशल फ्लाइट्स का इंतजाम कराया जाएगा ताकि ये छात्र सुरक्षित तरीके से अपने वतन पहुंच सके।

पोलैंड सरकार की तरफ से की जा रही इस मदद की सोशल मीडिया में जमकर चर्चा हो रही है। हजारों भारतीय यूजर्स पोलैंड सरकार की तारीफ कर रहे हैं। आखि‍र पौलेंड ऐसा क्‍यों कर रहा है, क्‍या भारत की मदद करने के पीछे कोई वजह है।

क्‍या पौलेंड चुका रहा भारत का अहसान
पौलेंड की भारत के नागरिकों और छात्रों की मदद के पीछे दरअसल, एक कहानी है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत के महाराजा दिग्विजय सिंह ने भी एक हजार से ज्‍यादा पोलैंड के नागरिकों की मदद की थी। ये दूसरे विश्‍वयुद्ध में बेघर हो गए थे। दुनिया में कोई देश इनकी मदद नहीं कर रहा था। ऐसे में भारत के महाराजा दिग्विजय सिंह ने भारत में पौलेंडवासियों को शरण दी थी।

हमले के बाद पौलेंड रह गया था अकेला
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर और सोवियत यूनियन दोनों ने पोलैंड पर हमला कर दिया था। इससे पोलैंड के हालात काफी खराब हो गए थे। हिटलर के वेस्टर्न बॉर्डर पर अटैक के 16 दिनों बाद रेड आर्मी ने भी पोलैंड पर हमला बोल दिया था।

हजारों बच्‍चे हो गए थे अनाथ
विश्‍व युद्ध की इस विभि‍षि‍का के चलते पोलैंड के हजारों बच्चे अनाथ हो गए थे। इन अनाथ बच्चों को सोवियत यूनियन के अनाथालयों में रखा गया था, जहां इनमें से ज्यादातर बच्‍चे कुपोषण और बीमारी से मर गए थे।

कोई देश नहीं दे रहा था पौलेंड को शरण
बेघर और अनाथ हुए पौलेंड के लोगों को कोई शरण नहीं दे रहा था। वो पूरी तरह से अलग पड गया था। जब साल 1941 में सोवियत यूनियन ने पोलैंड के लोगों को देश से बाहर निकलकर शरणार्थी के तौर पर शरण लेने की इजाजत दी। लेकिन कोई भी देश इन लोगों को अपनाने के लिए तैयार नहीं था। कहीं से मदद नहीं मिलने पर हताश हो चुके पोलैंडवासी का जहाज जब मुंबई पहुंचा तो भारत के महाराजा दिग्विजय सिंह ने न सिर्फ इनका स्‍वागत किया, इन्‍हें शरण दी और रहने के लिए इंतजाम किए।

भारत के इन राजाओं ने दी शरण
नावनगर के महाराज दिग्विजय सिंह, रणजीत सिंह जडेजा ने इन नागरिकों को अपनी शरण में लेने का फैसला किया। उस समय भारत में ब्रि‍टीश हु‍कुमत थी, ऐसे में महाराज दिग्विजय सिंह को ब्रिटिश हुकूमत का काफी दबाव भी झेलना पड़ा था, इसके बावजूद महाराज ने इन्हें अपनी शरण में रखा और इस जगह को लिटिल पोलैंड कहा जाने लगा था।

ऐसी की रहने की व्‍यवस्‍था
महाराज के पास पोलैंड के लगभग 650 बच्चे और महिलाएं थीं। ये सभी जामनगर से 25 किलोमीटर दूर टेंट में रह रहे थे। महाराजा उनकी जरूरतों का भी ख्याल रखते थे। उन्होंने गोवा से 7 यंग शेफ भी मंगा लिए थे। उस दौर में खुद भारत सूखे की मार से जूझ रहा था, लेकिन ऐसी स्‍थि‍ति में भी महाराज दिग्विजय सिंह ने इन पोलैंड के लोगों को शरण देकर उनकी जान बचाई।

बाद में द्वितीय विश्व युद्ध के खत्म होने तक इनमें से ज्यादातर लोग भारत में ही रहे। और महाराज से काफी प्रभावित हुए ताउम्र महाराज दिग्विजय सिंह का अहसान माना।
Show comments

जरूर पढ़ें

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

election results : अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा, क्या है बड़ी चुनौती

एकनाथ शिंदे ने CM पद के लिए ठोंका दावा, लाडकी बहीण योजना को बताया जीत का मास्टर स्ट्रोक

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra Election Results 2024 : महाराष्ट्र में 288 में महायुति ने जीती 230 सीटें, एमवीए 46 पर सिमटी, चुनाव परिणाम की खास बातें

Maharashtra elections : 1 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज करने वालों में महायुति के 15 उम्मीदवार शामिल

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

पंजाब उपचुनाव : आप ने 3 और कांग्रेस ने 1 सीट पर जीत दर्ज की

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

अगला लेख
More