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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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2010 : महिलाओं ने दिखाए कई रूप

-वेबदुनिया डेस्क

हमें फॉलो करें 2010 : महिलाओं ने दिखाए कई रूप
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फिर एक नए साल ने हमारी आशाओं को झंकृत किया है। फिर नया साल उम्मीदों के कोमल पंख लहलहाते हुए हमें सहलाने आ पहुँचा है। हर बार यही तो होता है। यही प्रकृति का शाश्वत नियम है। वह हमें उदास और निराश नहीं देखना चाहती। इसीलिए हर बार एक नए रूप और नए कलेवर में उत्साह का गीत गुनगुनाती ले आती है हमारे लिए नया साल। मगर जो पीछे छुट रहा है, हमारा दामन छोड़कर जो अब बीता साल हो जाएगा उसकी मयूरपंखी स्मृतियों को दोहराने का भी तो यही पल है।

बीते साल की जनवरी से ही इस देश की नारी ने अपनी अस्मिता के गौरवमयी परचम लहराने आरंभ कर दिए थे और दिसंबर के आते-आते भी यह क्रम थमा नहीं बल्कि परवान ही चढ़ता रहा। खेल, ‍फिल्म, टीवी, राजनीति, साहित्य, उद्योग, कला, संस्कृति हो या आईटी, करियर, मीडिया, हर जगह महिला जगत ने अपनी प्रतिभा और कौशल के स्वर्णिम ध्वज लहराए है।

बात साथ-साथ ही कहनी होगी कि इसी साल कहीं-कहीं महिलाओं ने इन्ही सारे क्षेत्रों में शर्मसार भी किया। चाहे यह अंतर बेहद मामूली हो मगर मुद्दा गंभीर है। आत्मविश्वास से भरी एक सकारात्मक और सार्थक बयार के बीच कहीं-कहीं महिलाओं का दुस्साहस संस्कारों को उखाड़ देने को तत्पर आँधी की तरह लगा।

नीरा राडिया, नीरा यादव, माधुरी गुप्ता, सुनंदा पुष्कर, बरखा दत्त, निकोल फारिया और निक्की हेली सहित कई महिलाएँ स्याह-सफेद कारणों से सुखिर्यों में रहीं।

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निकोल फारिया : सौन्दर्य ने परचम लहराया
भारत की निकोल फारिया ने ‘मिस अर्थ टैलेंट 2010’ का खिताब जीतकर एक बार फिर भारतीय सौन्दर्य का लोहा मनवाया। वियतनाम की हो ची मिन्ह सिटी में आयोजित इस सौंदर्य प्रतियोगिता में बेंगलूर की 20 वर्षीय मॉडल फारिया ने 17 प्रतिभागियों को मात देकर यह खिताब जीता।

रंजना सोनवाने: विशिष्ट पहचान संख्या हासिल की
यूआईडी कार्ड संख्या 782474317884...हासिल करके महाराष्ट्र के तेंभली निवासी रंजना सोनवाने विशिष्ट पहचान संख्या कार्डधारी पहली भारतीय बन गईं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने 29 सितंबर को विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान करने की परियोजना की शुरूआत की और पहली पहचान संख्या रंजना सोनवाले को प्रदान की गई।

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नीरा राडिया: घोटालों की रानी
नीरा राडिया, यह नाम उस महिला का है जो कारपोरेट लॉबिस्ट कहलाती है। टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के संदर्भ में राडिया की उद्योगपतियों, नेताओं और पत्रकारों के साथ की गई बातचीत वाले टेपों के लीक होने से कई नाम अचानक सामने आ गए।

सरकार ने टेप लीक होने की जांच के आदेश दिए और राडिया से पूछताछ जारी है। इस दौरान उसके आवासीय और कार्यालय परिसरों पर छापे मार गए। ऐसा माना जा रहा है कि राडिया ने अपने कारनामों से बहुत कम समय में 400 करोड़ रूपए कमाए।

बरखा दत्त : छवि पर छाए बादल
इसी सिलसिले में एनडीटीवी की पत्रकार बरखा दत्त का नाम भी सामने आया, जिसके साथ राडिया की बातचीत के टेप जारी होने से दोनों की साँठगाँठ और लॉबिंग के जरिए मंत्रिमंडल के गठन तक में दखल देने की बातें सामने आईं। इससे बरखा की छवि को भारी झटका लगा, जिसे 1999 की कारगिल कवरेज के कारण दुनियाभर में एक जांबाज पत्रकार के तौर पर पहचान मिली थी। बरखा ने कारगिल संघर्ष के दौरान युद्ध के मोर्चे से सीधे कवरेज करके अदम्य साहस का परिचय दिया था।

अंजू गुप्ता: बयान बदले बार-बार
बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को एक भटका देने वाले घटनाक्रम में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अंजू गुप्ता ने सीबीआई की विशेष अदालत को बताया कि भाजपा नेता ने 17 साल पहले ढाँचे को गिराए जाने के दिन उकसाने वाला भाषण दिया था। लेकिन उन्होंने बाद में बयान बदलते हुए कहा कि सीबीआई ने उन पर कुछ नेताओं को फँसाने के लिए दबाव डाला।

सुनंदा पुष्कर : बनीं सुनंदा थरूर
आईपीएल कोच्चि फ्रेंचाइजी को लेकर उठे विवाद में दो नाम सामने आए सुनंदा पुष्कर और विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर। हालाँकि इन दोनों ने विवाह करके तमाम विवादों से इतर अपने रिश्ते को एक हसीन मोड़ दिया, लेकिन 48 वर्षीय मार्केटिंग प्रोफेशनल सुनंदा को इस बात का मलाल रहा कि इस पूरे घटनाक्रम में मीडिया ने उनकी फूहड़ और कमअक्ल डॉल के तौर पर छवि गढ़ दी। इसी विवाद के कारण शशि थरूर को विदेश राज्यमंत्री का पद गँवाना पड़ा।

नीरा यादव: पहली भ्रष्ट आईएएस अधिकारी
उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव इस वर्ष की एक और चर्चित महिला रहीं, जिन्हें सात दिसंबर को सीबीआई की विशेष अदालत ने सात साल पहले नोएडा विकास प्राधिकरण के प्रमुख के तौर पर भूमि आवंटन में हेरफेर का दोषी पाया और चार साल कैद की सजा सुनाई। मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री काल में उत्तर प्रदेश की मुख्य सचिव रहीं नीरा यादव देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण मुख्य सचिव के पद से हटाया।

माधुरी गुप्ता: पा‍किस्तान की मुखबिर
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को गोपनीय सूचनाएँ देने के आरोप में भारतीय राजनयिक माधुरी गुप्ता को 23 अप्रैल को आधिकारिक गोपनीयता कानून के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में पदास्थापित 53 साल की माधुरी को इस्लामाबाद से नयी दिल्ली बुलाए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। वह वहाँ प्रेस और सूचना विंग में सेकेंड सेक्रेट्री के पद पर तैनात थीं।

मीरा शंकर: विमानतल पर अपमान
अमेरिका में भारत की राजदूत मीरा शंकर को मिसिसिपी हवाई अड्डे पर सुरक्षा जाँच के नाम पर हाथ से तलाशी की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। मीरा ने सुरक्षा अधिकारियों को राजनयिक के तौर पर अपना परिचय दिया था, लेकिन अधिकारियों ने नए नियमों का पालन करते हुए उनकी तलाशी ली। भारत ने इस पर कड़ा एतराज करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय से नाराजगी जाहिर की और अमेरिका की विदेश मंत्री एच. क्लिंटन ने वादा किया कि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ नहीं होंगी।

निक्की हेली: परदेस में रचा इतिहास
भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक निक्की हेली ने साउथ कैरोलिना के गवर्नर पद का चुनाव जीत कर ऐसा करने वाली पहली महिला और पहली भारतीय मूल की महिला होने का इतिहास बनाया। मध्यावधि चुनावों में हेली की रिपब्लिकन पार्टी ने ओबामा की डेमोक्रेटिक पार्टी को करारी शिकस्त दी।

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खेल : चमकी भारतीय नारी
इसी साल कॉमनवेल्थ से लेकर ओलंपिक तक और एथलेटिक्स से लेकर बैडमिंटन तक देश की महिला खिलाड़ी जिस मजबूती से उभरी है वह मुक्त कंठ से प्रशंसनीय है। सानिया की शादी जहाँ विवादों के घेरे में रही वहीं साइना नेहवाल ने बार-बार देश को गौरवमयी लम्हों की सौगात दी। इस नाजुक-सी खिलाड़ी ने अपनी लगन और प्रतिभा से पूरे खेल जगत को अचंभित कर दिया। 2010 साइना नेहवाल का साल कहा जा सकता है। कॉमनवेल्थ गेम्स जहाँ घोटालों के मकड़जाल में फँसा दिखाई पड़ा वहीं महिला खिलाड़‍ियों ने अपना समूचा दमखम दिखाया।

* कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली खिला‍ड़‍ियों में दीपिका कुमारी-तीरंदाजी, कृष्णा पूनिया-एथलेटिक्स,
साइना नेहवाल-बैडमिंटन, अनीसा सैयद-निशानेबाजी, रेणुबाला-भारोत्तोलन, गीता-कुश्ती, अलका तोमर-कुश्ती, अनीता-कुश्ती आदि के नाम दमकें।

* रजत पदक जीतने वाली खिलाड़‍ियों में प्रजुशा मलियाक्कल-एथलेटिक्स,राही सरनोबत-निशानेबाजी, तेजस्विनी सावंत-निशानेबाजी,हिना सिद्धू-निशानेबाजी,सानिया मिर्जा-टेनिस,सोनिया चानू- भारोत्तोलन, निर्मला देवी-कुश्ती,बबिता देवी-कुश्ती ने देश का नाम रोशन किया।

* काँस्य पदक पर कब्जा जमाने में डोला बनर्जी-तीरंदाजी,कविता राउत-एथलेटिक्स,सीमा अंतिल-एथलेटिक्स, मोनिका देवी-भारोत्तोलन, संध्यारानी देवी-भारोत्तोलन, सुमन कुंडू-कुश्ती प्रमुख रहीं।

राहत : प्रशंसनीय साहस
इसी साल टेलीविजन के मशहूर शो 'कौन बनेगा करोड़पति 2010' में गिरडीह की राहत तस्लीम एक करोड़ रुपए जीतने वाली पहली महिला बनीं। साधारण वर्ग से आई इस महिला ने कमाल के धैर्य और समझदारी से खेलते हुए यह पड़ाव हासिल किया।

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आंग सान सू-ची : रिहाई ने दी खुशी
यह इस साल की सबसे खास वैश्विक उपलब्धि कही जाएगी कि बरसों तक घर में नजरबंद रहीं म्यांमार की आंग सान सू-ची को 13 नवंबर को रिहा कर दिया गया। विश्व भर के उनके प्रशंसकों में इस रिहाई के बाद खुशी का ठिकाना न रहा।

नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित आंग सान सू-ची सैनिक सरकार के खिलाफ अपने शांतिपूर्ण विरोध के लिए समूची दुनिया में साहस की मिसाल बन गईं। आंग सान सू-ची के शब्दों में 'मुझे डर नहीं लगता। मुझे फिर गिरफ्तार किया जा सकता है। लेकिन इस डर से मैं अपने काम में बदलाव नहीं करूँगी।

आरक्षण : खेलें हम जी जान से
आबादी के आधे हिस्से द्वारा13 साल से लड़ी जा रही एक जंग का पहला पड़ाव जीत लिया गया। महिला आरक्षण विधेयक 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में भारी बहुमत से पारित हो गया। लेकिन अभी दुविधा खत्म नहीं हुई है। यह बिल संविधान संशोधन विधेयक होने के कारण राज्यसभा और लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत से पारित होना जरूरी है। इसके बाद, आधी विधानसभाओं (15) से दो-तिहाई बहुमत से पास होने के बाद यह कानून का रूप धारण कर सकेगा। यानी संघर्ष अभी जारी है। फिर भी साल 2010 ने पहली सीढ़ी दीं इसलिए महिलाओं के लिए यादगार रहेगा।

दिल्मा रुसैफ: ब्राजील की पहली महिला राष्ट्रपति
ब्राजील में दिल्मा रुसैफ पहली महिला राष्ट्रपति बनीं। रूढ़ीवादी ब्राजील में दिल्मा की यह जीत विशेष कही जाएगी। 63 साल की दिल्मा ने अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और इसी दौरान उन्होंने सैनिक शासन के खिलाफ आवाज उठाई। इस वजह से उन्हें कुछ दिन कैद में भी रहना पड़ा। तानाशाही राज्य में बचपन बिताने वाली दिल्मा का जीवन काफी संघर्षमय रहा है।

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ऑस्कर : छाईं महिलाएँ
ऑस्कर के 82 वर्ष के इतिहास में पहली बार किसी महिला डायरेक्टर को बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार मिला। कैथरिन बिगलो को फिल्म 'द हर्ट लॉकर' के लिए बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार दिया गया। इस फिल्म को अलग-अलग कैटिगरी में 6 ऑस्कर मिले। इसके साथ ही ऑस्कर अवार्ड महिलामय हो गया।

ऑस्कर पुरस्कारों के इतिहास में अभी तक सिर्फ 4 महिलाओं को ही बेस्ट डायरेक्टर श्रेणी के लिए नॉमिनेट किया गया था। लेकिन पहली बार कैथरिन को इस श्रेणी में ऑस्कर जीतने का गौरव मिला है।

कैथरिन द्वारा निर्देशित फिल्म 'द हर्ट लॉकर' ने बहुचर्चित फिल्म 'अवतार' को पछाड़कर विभिन्न श्रेणियों में छह पुरस्कार हासिल किए। 82वें ऑस्कर अवॉर्ड समारोह में फिल्म द हर्ट लॉकर की धूम रही। बेस्ट ऐक्ट्रेस का अवॉर्ड सैंड्रा बुलक को फिल्म 'द ब्लाइंड साइड' के लिए मिला।

उपलब्धियाँ और भी...
ब्रिटेन में रह रही भारतीय वकील पवनी रेड्डी को वर्ष 2010 के लिए श्रेष्ठ एशियाई महिला का स्वर्ण पुरस्कार प्रदान किया गया। पवनी जईवाला एंड कंपनी की प्रबंध भागीदार हैं। वह उन चुनिंदा भारतीय वकीलों में से एक हैं जो इस क्षेत्र की सुखिर्यों में रहती हैं।

जानीमानी भारतीय समाज सेविका ईला रमेश भट्ट को इस साल के लिए जापान के प्रतिष्ठित निवानो शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्हें भारत में गरीब महिलाओं के उत्थान में योगदान के लिए चुना गया है।

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