कैसे प्रारंभ हुई गणेशजी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा, पढ़ें पौराणिक कथा

राजश्री कासलीवाल
* अनलासुर दैत्य और श्रीगणेश की कथा 
 
श्री गणेशजी को दूर्वा चढ़ाने के संबंध में एक पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीनकाल में अनलासुर नाम का एक दैत्य था, उसके कोप से स्वर्ग और धरती पर त्राहि-त्राहि मची हुई थी। अनलासुर एक ऐसा दैत्य था, जो मुनि-ऋषियों और साधारण मनुष्यों को जिंदा निगल जाता था। 

ALSO READ: दूर्वा गणपति व्रत : बस एक मंत्र से होगा जीवन में चमत्कार...
 
इस दैत्य के अत्याचारों से त्रस्त होकर इंद्र सहित सभी देवी-देवता, ऋषि-मुनि भगवान महादेव से प्रार्थना करने जा पहुंचे और सभी ने महादेव से यह प्रार्थना की कि वे अनलासुर के आतंक का खात्मा करें।
 
तब महादेव ने समस्त देवी-देवताओं तथा मुनि-ऋषियों की प्रार्थना सुनकर उनसे कहा कि दैत्य अनलासुर का नाश केवल श्री गणेश ही कर सकते हैं। फिर सबकी प्रार्थना पर श्री गणेश ने अनलासुर को निगल लिया, तब उनके पेट में बहुत जलन होने लगी। 
 
इस परेशानी से निपटने के लिए कई प्रकार के उपाय करने के बाद भी जब गणेशजी के पेट की जलन शांत नहीं हुई, तब कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गांठें बनाकर श्री गणेश को खाने को दीं। यह दूर्वा श्री गणेशजी ने ग्रहण की, तब कहीं जाकर उनके पेट की जलन शांत हुई।

ऐसा माना जाता है कि श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा तभी से आरंभ हुई।  
 
ALSO READ: विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश के 1000 नाम, अवश्य पढ़ें...
 
 
 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Hariyali Teej 2024: हरतालिका तीज के 9 सरल मंत्र, पूजा के बाद बोलें पूरी रात

गणेश चतुर्थी पर घर पर कैसे करें गणपति की पूजा, जानिए संपूर्ण पूजा विधि और पूजन सामग्री

Hariyali Teej 2024: हरतालिका तीज में महिलाएं क्यों रातभर जागती हैं, जागरण नहीं करेंगी तो क्या होगा?

Hartalika Teej 2024: पहली बार करने जा रही हैं हरतालिका तीज व्रत, तो जान लें जरूरी बातें

Hartalika teej: हरतालिका तीज व्रत का पौराणिक महत्व और कथा

सभी देखें

धर्म संसार

Shardiya navratri 2024: वर्ष 2024 में शारदीय नवरात्रि कब से कब तक रहेगी, जानिए दुर्गा प्रतिमा स्थापना का शुभ मुहूर्त

भाद्रपद चतुर्थी पर चंद्रदर्शन करने से लगता है कलंक, इस कथा को पढ़ने से होगा निवारण

Ganesh chaturthi 2024: गणेश उत्सव के तीसरे दिन के अचूक उपाय और पूजा का शुभ मुहूर्त

Ganesh chaturthi 2024: गणेश उत्सव के दूसरे दिन क्या करें, जानें इस दिन के अचूक उपाय और पूजा मुहूर्त

Mahabharat : अर्जुन ने बचाई थी दुर्योधन की जान, बदले में दुर्योधन ने जो किया उससे कुरुक्षेत्र के युद्ध में सभी पांडवों की जान बच गई

अगला लेख
More