तीन पैरों वाली गायत्री माता का क्या है राज?

अनिरुद्ध जोशी
गुरुवार, 16 सितम्बर 2021 (10:19 IST)
तीन मुख या चार मुख वाले देवी और देवताओं को तो हम जानते ही हैं, परंतु आज तक किसी देवी या देवताओं के हमने तीन पैर होने की बात किसी से नहीं सुनी होगी। तीन मूख या चार भुजा वाली मूर्तियों का जिक्र तो अक्सर होता है, लेकिन क्या आपने कभी सुना कि तीन पैरों वाली माता की मूर्ति। नहीं ना तो आओ जानते हैं कि तीन पैरों वाली गायत्री माता का क्या है राज?
 
 
1. मध्यप्रदेश के देवास जिले से करीब 45 किमी दूर हाटपीपल्या गांव के नृसिंह मंदिर में स्थापित है गायत्री माता की एक विचित्र मूर्ति। यहां जो गायत्री माता की मूर्ति है उसका रहस्य कोई नहीं जानता है।
 
2. हाटपीपल्या गांव के नृसिंह मंदिर में स्थापित है गायत्री माता की एक विचित्र मूर्ति जिसके है तीन पैर। यह गायत्री माता की प्रतिमा भी बहुत प्राचीन बताई जाती है।
 
3. मंदिर के पुजारी गोपाल वैष्णव भी मानते हैं कि मैंने आज तक तीन पैरों वाली प्रतिमा कहीं नहीं देखी। इस तरह की प्रतिमा देखने को नहीं मिलती। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि यह विश्व की एकमात्र प्रतिमा है जो तीन पैरों वाली है। यहां स्थित प्रतिमा को 'त्रिपदा गायत्री' माता कहते हैं।
 
4. इस प्रतिमा के बारे में भी मान्यता हैं कि इसका दर्शन करने से सभी तरह की मनोकामना पूरी होती है, लेकिन यह कोई नहीं जानता है कि यह प्रतिमा किसने बनाई या यह कहां से प्राप्त हुई। यह रहस्य आज तक बरकरार है।
 
5. कहते हैं कि यहां के मंदिर की नृसिंह भगवान की मूर्ति पानी में तैरती है। यहां पर नृसिंह भगवान की भी चमत्कारिक प्रतिमा है जो प्रतिवर्ष नदी में तैरती है या कि जिसे प्रतिवर्ष डोल ग्यारस के दिन तैराया जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सूर्य का धनु राशि में प्रवेश, जानिए 12 राशियों का राशिफल, क्या होगा भविष्यफल

हर साल होती है नए साल के लिए ये 5 भविष्यवाणियां, लेकिन कभी सच नहीं होतीं?

महाकुंभ में क्या है धर्मध्वजा का महत्व, जानिए किस अखाड़े की कौन सी है पताका

बुध का वृश्चिक राशि में उदय, 3 राशियां रहें संभलकर

हिंदू धर्म का महाकुंभ: प्रयाग कुंभ मेले का इतिहास

सभी देखें

धर्म संसार

पौष मास हो गया है शुरू, जानिए इसका महत्व और कथा

महाकुंभ 2025: कौन होते हैं नागा साधु, जानिए क्या है इनके अद्भुत जीवन का रहस्य?

Mahakumbh 2025: क्या होता है कुम्भ में शाही स्नान का महत्व, जानिए 12 साल बाद होने वाले स्नान पर्व आयोजन से जुड़ी सभी जानकारी

Aaj Ka Rashifal: क्या कहती है आपकी राशि, जानें 18 दिसंबर का भविष्यफल

महाकाल मंदिर में 1 अरब 65 करोड़ का दान, पेटियों में 399 किलो चांदी और 1533 ग्राम सोने का चढ़ावा

अगला लेख
More