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Mandir Mystery : विरुपाक्ष मंदिर के खंभों से सुनाई देता है संगीत, एक अंग्रेज ने काट दिया था खंभा

हमें फॉलो करें Mandir Mystery : विरुपाक्ष मंदिर के खंभों से सुनाई देता है संगीत, एक अंग्रेज ने काट दिया था खंभा

अनिरुद्ध जोशी

म्यूजिकल पिलर्स का क्या है रहस्य?
 
नमस्कार! 'वेबदुनिया' के मंदिर मिस्ट्री चैनल में आपका स्वागत है। आप जानते ही हैं कि भारत में सैकड़ों चमत्कारिक और रहस्यमय मंदिर हैं। उनमें से कुछ मंदिरों को आपने देखा भी होगा। तो चलिए इस बार हम आपको बताते हैं भारतीय राज्य कर्नाटक के हम्पी में स्थित विरुपाक्ष मंदिर के रहस्य को। आपको भी इसके रहस्य को जानकर आश्चर्य होगा। तो आओ जानते हैं कि क्या है इसका रहस्य?
 
1. यूनेस्को विश्व विरासत की सूची में है शामिल : विरुपाक्ष मंदिर यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल है।
2. विष्णुजी चाहते थे यहां पर रहना : जनश्रुति है कि भगवान विष्णु ने इस जगह को अपने रहने के लिए कुछ अधिक ही बड़ा समझा और अपने घर क्षीरसागर वापस लौट गए।
 
3. 500 साल पहले बना था मंदिर का गोपुर : 1509 ईस्वीं में राजा कृष्णदेव राय ने यहां गोपुड़ा या गोपुर का निर्माण करवाया था। इस विशाल मंदिर के अंदर अनेक छोटे-छोटे मंदिर हैं, जो बेहद ही प्राचीन हैं। तुंगभद्रा नदी के दक्षिणी किनारे पर हेमकूट पहाड़ी की तलहटी पर बने इस मंदिर का गोपुरम 50 मीटर ऊंचा है।
 
4. शिव और पंपा : यह मंदिर शिवजी के रूप भगवान विरुपाक्ष और उनकी पत्नी देवी पंपा को समर्पित है। इसीलिए इस मंदिर को पंपावती मंदिर ने नाम से भी कहा जाता है।
 
5. मंदिर के स्तंभों से निकलता है संगीत : कहते हैं कि विरुपाक्ष मंदिर में कुछ ऐसे स्तंभ या खंभे हैं जिनसे संगीत निकलता है। इसीलिए इन्हें 'म्यूजिकल पिलर्स' के नाम से भी जाना जाता है।
6. एक अंग्रेज ने जानना चाहा था रहस्य : इन स्तंभों के बारे में कहा जाता है कि एक बार अंग्रेजों ने यह जानने के लिए कि स्तंभों से संगीत कैसे निकलता है, उन्हें काटकर देखा। लेकिन अंदर का नजारा देखकर वो भी हैरान रह गए, क्योंकि अंदर तो कुछ था ही नहीं। स्तंभ बिलकुल खोखला था। 
 
7. पानी में डूबा हुआ है मंदिर का अधिकांश हिस्सा : मंदिर का एक बड़ा हिस्सा पानी के अंदर डूबा हुआ है, इसलिए वहां कोई नहीं जाता है। बाहर के हिस्से के मुकाबले मंदिर के इस हिस्से का तापमान बहुत कम रहता है।
 
8. दक्षिण की ओर झुका हुआ है शिवलिंग : विरुपाक्ष, भगवान शिव का ही एक रूप है। इस मंदिर की मुख्य विशेषता यहां का शिवलिंग है, जो दक्षिण की ओर झुका हुआ है। इस शिवलिंग की कथा रावण से जुड़ी हुई है।
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