Geeta Jayanti ke Upay: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन गीता जयंती मनायी जाती है। यह विश्व का पहला ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनायी जाती है। इस साल गीता जयंती की 5159वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। इस दिन को मोक्षदा और मौन एकादशी भी कहते हैं। यदि दिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 3 दिसंबर 2022 शनिवार को रहेगा और वैष्णव मत से 4 दिसंबर को रहेगी। इस दिन 5 कार्य अवश्य करना चाहिए।
1. व्रत अवश्य रखें : मान्यता है कि इस एकादशी का विधिवत व्रत रखने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यानी उन्हें सभी तरह के बंधनों से मुक्ति मिलती है। देवता और पितर तृप्त होते हैं। इसके व्रत से मनुष्य के पापों का नाश हो जाता है। पापों का नाश होने से सफलता के द्वार खुल जाते हैं।
2. श्री कृष्ण पूजा : इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के साथ ही श्रीकृष्ण की पूजा अवश्य करें। श्रीकृष्ण की आराधना करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है और सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। इस दिन श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप की पूजा होती है। ऐसा करने से सभी अटके कार्य पूर्ण होते हैं।
3. गीता का पाठ : गीता जयंती के दिन गीता को पढ़ना या सुनना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। पढ़ नहीं सकते हैं तो कम से कम गीता भवन में जाकर गीता पाठ या उपदेश को सुनें। ऐसा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है।
4. गीता ग्रंथ वितरण : इस दिन गीता ग्रंथ को किसी को भेंट करना भी अत्यंत ही शुभ और फल देने वाला माना गया है। ऐसा करने से मानसिक शांति के साथ ही ज्ञान की प्राप्ति होती है।
5. दान : उपरोक्त में से यदि कोई भी कार्य नहीं कर सकते हैं तो इस दिन किसी गरीब, दिव्यांग, विधवा, सैनिक, सफाईकर्मी को यथशक्ति दान जरूर दें या मंदिर में दान दें। यह सभी संकटों से बचाता है।