Benefits of silence: मौन रहने के कई फायदे हैं और नुकसान भी है। मौन से ही मन की शक्ति बढ़ती है। लेकिन हम बात कर रहे हैं कुछ अलग तरह की परिस्थिति में मौन रहने की। नीति शास्त्रों के अनुसार कुछ जगहों पर व्यक्ति को मौन ही रहना चाहिए क्योंकि इसी में उसकी भलाई है। मौन नहीं रहने के कई नुकसान हो सकते हैं। यदि आप ऐसी जगह पर मौन नहीं रहेंगे तो मुसीबत में भी पड़ सकते हो।
1. शौच करते वक्त : यदि आप शौच या पेशाब कर रहे हैं तब आपको मौन रहना चाहिए। इसके कई कारण है। बोलने की क्रिया से शारीरिक नुकसान तो होता ही है साथ ही उक्त स्थान के बैक्टीरिया और वायरस भी मुंह में जा सकते हैं।
2. अधूरा सच : यदि आपको किसी घटना या किसी विषय पर अधूरी जानकारी है तो चुप रहना ही उत्तम है क्योंकि अधूरा ज्ञान बड़ा घातक होता है यह आपको हंसी का पात्र भी बना सकता है या किसी मुसीबत में भी डाल सकता है।
3. बिना तथ्य के न करें बात : किस विषय पर बात चल रही है और यदि आप किसी का समर्थन कर रहे हैं तो यह जरूर जान लें कि उसके तथ्य आपके पास है या नहीं। यदि आपके पास तथ्य नहीं है तो चुप रहने में ही आपकी भलाई है।
4. किसी मुद्दे से न हो आपका संबंध : यदि किसी बात पर बहस चल रही है या कोई विषय किसी के संज्ञान में लाया जा रहा है और यदि आपका उस मुद्दे से कोई संबंध नहीं है तो बीच में ही बोलान अच्छा नहीं है। आपका किसी मुद्दे से कोई संबंध न हो तो वहां आपका चुप रहना ही समझदारी की निशानी है।
5. जब कोई कर रहा हो किसी की बुराई : जब कोई आदमी आपके सामने किसी तीसरे आदमी की बुराई कर रहा तो तब तुम्हें चुप रहकर बस सुनना चाहिए। अपनी राय व्यक्त नहीं करना चाहिए, क्योंकि जो आज आपके सामने किसी तीसरे की बुराई कर रहा है वह कल किसी और के सामने आपकी बुराई भी कर सकता है यदि आपने कुछ कहा तो।
6. चिल्लाने से अच्छा है मौन रहना : यदि आपका किसी से झगड़ा हो जाता है और सामने वाला चिल्ला चिल्ला कर बात कर रहा है तो ऐेसे में आप समझदारी से बात करें और वह नहीं समझ रहा है तो मौन रहकर उसकी ओर देखते रहें। किसी पर चिल्लाने से आपके व्यवहार के बारे में दूसरों को पता चलता है और आपकी छवि खराब होती है। यदि आप बिना चिल्लाए कोई बात नहीं कह सकते तो वहां आपका चुप रहने में ही भलाई है।
7. जब कोई नहीं समझे आपकी भावना : यदि आपको लग रहा है कि कोई व्यक्ति आपकी भावना, दु:ख या परेशानी को शब्दों में नहीं समझ पा रहा है या वह आपको ध्यान से सुन नहीं पा रहा है तो ऐसे व्यक्ति के सामने चुप रहना ही ठीक है। क्योंकि ऐसे लोगों को आपकी भावना या दु:ख से कोई मतलब नहीं होता, ऐसे लोगों को अपना राज बताकर आप पछताएंगे ही।
8. जब कोई इंसान अपना दु:ख व्यक्त करे : यदि कोई इंसान अपने दु:ख या परेशानी को आपको बता रहा है तो इसका मतलब यह कि वह आपको अपना समझ रहा है। ऐसे में तुरंत ही उसे समाधान बताने के बजाय चुप रहकर उसकी दु:ख या समस्या को सुने। उसके दुख: या समस्या को किसी और को न बताएं।
9. क्रोध या घृणा करने वाले लोग : जब कोई अपना या कोई सगा संबंधी आप पर क्रोध कर रहा हो, आपका अपमान कर रहा हो या घृणास्पद शब्द कह रहा हो तो आपको उस वक्त चुप रहना चाहिए ताकि सामने वाले का गुब्बार पूरी तरह से बाहर निकल जाए। आप यदि सही है तो उससे कतई माफी न मांगे और चुप रहकर सही समय का इंतजार करें। वह खुद ही आपसे माफी मांग लेगा या उसे अपनी गलती का अहसास हो जाएगा।
10. झगड़े वाली जगह रहें चुप : चाणक्य के अनुसार किसी स्थान पर लड़ाई झगड़ा हो रहा है। उस झगड़े को बगैर समझे आपको कुछ नहीं बोलना चाहिए। यदि आपका उस झगड़े से कोई संबंध नहीं है तो मौन रहने में ही भलाई है। फटे में टांग अड़ाने का काम न करें।
11. खुद की तारीफ खुद : चाणक्य के अनुसार किसी स्थान पर लोग खुद की तारीफ खुद ही कर रहे होते हैं तो ऐसे स्थान पर मौन रहने में ही भलाई है। ऐसे लोग अहंकारी होते हैं हो सकता है कि आपकी सामान्य सी बात से ही उन्हें बुरा लग जाए और आप खामखाह ही उलझ जाएं।