शरद पूर्णिमा : लक्ष्मी पूजन का है खास महत्व

पं. देवेद्रसिंह कुशवाह
बुधवार, 8 अक्टूबर 2014 (11:48 IST)
32 प्रकार की पित्त संबंधी बीमारियों में आराम देता है शरद का चंद्र 
 
शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्त्व है। महालक्ष्मी पूजन एवं स्रोत पाठ से धन धान्य की प्राप्ति की जा सकती है। रात में लक्ष्मी पूजन करें। श्री सूक्त एवं लक्ष्मी सूक्त के साथ विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने वाले पर लक्ष्मी जी की विशेष कृपा होती है। 
 
मां लक्ष्मी को मनाने का मंत्र
 
ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
 
कुबेर को मनाने का मंत्र :-
 
ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये |
धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा | |


 
शरद पूर्णिमा अश्विन मास में होती है। इसे रास पूर्णिमा भी कहते है और कोजागर पूर्णिमा भी। शरद ऋतु में मौसम साफ़ रहता है। आकाश में न तो बादल होते है और न ही धूल के गुबार। पूरे वर्ष भर में केवल अश्विन मास की पूर्णिमा का चंद्रमा ही षोडस कलाओं (16 कलाएं) का होता है। कहा जाता है कि इस पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा अमृत की वर्षा करता है। इस रात्रि में भ्रमण करना और चन्द्र किरणों का शरीर पर पड़ना बहुत ही शुभ माना जाता है। शरद पूर्णिमा की रात को ही भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज-बालाओं के साथ वृन्दावन में महारास किया था।  
 
प्रातः 10 बजे पीपल जी की जितनी सेवा हो सके, करें.. क्योंकि 10 बजे माता लक्ष्मी जी का एक बार फेरा ज़रूर लगता है। ऐसा शास्त्रों में कहा है। पूरी रात भर अगर जागरण कर सकते हैं तो बहुत ही उत्तम होगा। भगवान् शिव जी का रुद्राभिषेक करवाएं, उनको खीर का भोग लगाएं।  
 
इस रात को हजार काम छोड़कर 15 मिनट चन्द्रमा को एकटक निहारना सेहत के लिए शुभ होता है। एक आध मिनट आंखें पटपटाएं। कम से कम 15 मिनट चन्द्रमा की किरणों का फायदा लें। इससे 32 प्रकार की पित्त संबंधी बीमारियों में लाभ होगा, शांति होगी। ऐसा आसन बिछाएं जो विद्युत का कुचालक हो, चाहे छत पर चाहे मैदान में। 
 
श्वासोच्छवास के साथ भगवन्नाम और शांति को अपने भीतर भरते जाएं, निःसंकल्प नारायण में विश्रान्ति पाएं। ऐसा करते-करते आप विश्रान्ति योग में चले जाएं। जिन्हें नेत्रज्योति बढ़ानी है वे शरद पूनम की रात को सुई में धागा पिरोने की कोशिश करें। 
 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Mahalaxmi Vrat 2024 : 16 दिवसीय महालक्ष्मी व्रत शुरू, जानें महत्व, पूजा विधि और मंत्र

Dussehra 2024: शारदीय नवरात्रि इस बार 10 दिवसीय, जानिए कब रहेगा दशहरा?

Ganesh Visarjan 2024: गणेश विसर्जन का 10वें दिन का शुभ मुहूर्त 2024, विदाई की विधि जानें

Surya gochar 2024 : शनि की सूर्य पर शुभ दृष्टि से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन

Parivartini Ekadashi: पार्श्व एकादशी 2024 व्रत पूजा विधि, अचूक उपाय, मंत्र एवं पारण मुहूर्त

सभी देखें

धर्म संसार

13 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

Ganesh utsav 2024: गणेश उत्सव के सातवें दिन के अचूक उपाय और पूजा का शुभ मुहूर्त

13 सितंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Shradh paksha 2024: पितृ पक्ष में किस तिथि को रहेगा किसका श्राद्ध?

Jain Festival 2024: 13 सितंबर को जैन समाज का धूप/सुगंध दशमी पर्व, जानें महत्व और आकर्षण

More