स्थानीय लोगों और वन विभाग के बचाव अभियान के तहत दो बार तट आए व्हेल के बच्चे को अरब सागर में सुरक्षित छोड़ने के प्रयासों के बावजूद गुजरात में सूरत के तट पर उसकी मौत हो गई। 24 घंटे तक रेसक्यू ऑपरेशन चलाया गया था।
सूरत के उप वन संरक्षक (डीसीएफ) सचिन गुप्ता ने कहा कि 27 अगस्त की शाम को पहली बार ब्रायड व्हेल के एक बच्चे को जिले के ओलपाड तालुका में मोर गांव के निकट तट पर फंसे हुए देखा गया था।
अधिकारी ने बताया कि कम से कम 150 ग्रामीणों ने इस जीव को बचाने के लिए अथक प्रयास किये, क्योंकि तीन टन वजनी इस जीव को ज्वार की ऊंची लहरों की मदद के बिना समुद्र में वापस भेजना संभव नहीं था। ज्वार में ऊंची लहरें उठती हैं और स्थानीय समुद्र का जल स्तर बढ़ जाता है।
गुप्ता ने कहा कि ग्रामीणों ने व्हेल पर पानी डालकर उसे जिंदा रखा। जब हम ज्वार की प्रतीक्षा कर रहे थे, एक तालाब खोदा गया और एक पंप सेट का उपयोग करके उसमें समुद्री जल भर दिया गया।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि व्हेल ज्वार तक जीवित रहे, व्हेल को तालाब में धकेल दिया गया। इससे व्हेल को रातभर जीवित रहने में मदद मिली।
उन्होंने बताया कि सोमवार दोपहर ज्वार के दौरान बुलडोजर की मदद से जीव को समुद्र में छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि लेकिन यह फिर से किनारे पर आ गया।
अधिकारी ने कहा कि हमने एक नाव की मदद से उसे समुद्र की गहराई में धकेल दिया और काफी देर तक वह नजर नहीं आई, इसलिए हमें उम्मीद थी कि जीव गहरे समुद्र में वापस चला गया है।
गुप्ता ने कहा कि सोमवार शाम लगभग पांच बजकर 30 मिनट पर, हमें सूचना मिली कि यह जीव किनारे पर आ गया है। हम वहां पशुचिकित्सक के पास गये, जिसने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने बताया कि शव का पोस्टमार्टम किया गया और रात में उसे दफना दिया गया। उन्होंने कहा कि व्हेल ने काफी समय से कुछ नहीं खाया था और उसका पेट खाली पाया गया।
अधिकारी ने बताया कि इसकी मौत का सही कारण जानने के लिए नमूने जांच हेतु भेजे गए हैं। भाषा Edited by: Sudhir Sharma