चेन्नई। अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला आज तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शरण नहीं ले पाएंगी क्योंकि राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया है। अदालत में शशिकला पर आय से अधिक सम्पत्ति का मामला चल रहा है। इस मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आना बाकी है। यह फैसला अगले सप्ताह तक आ सकता है। यदि सुप्रीम कोर्ट का फैसला शशिकला के खिलाफ जाता है तो वे न तो मुख्यमंत्री बन सकेंगी और न ही विधानसभा का चुनाव लड़ सकेंगी।
क्या है पूरा मामला : शशिकला को दिवंगत जे. जयललिता का सबसे करीबी माना जाता रहा है। 66 करोड़ की आय के मामले में बेंगलुरु की एक अदालत ने जयललिताा, शशिकला और 2 अन्य सहयोगियों को दोषी पाया था और उन्हें 4 साल की सजा के साथ ही 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था।
11 मई 2015 में ट्रायल कोर्ट के फैसले को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जहां से जयललिता और शशिकला को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था लेकिन बाद में 2016 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया। सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक सरकार की दलील सुनने के बाद अपनाा फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अब उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह तक यह फैसला आ सकता है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि जब तक फैसला नहीं आ जाता, तब तक शशिकला के मुख्यमंत्री पद की शपथ समारोह को रोका जाए। देर रात यह भी खबर आई है कि शपथ ग्रहण समारोह को टाल दिया गया है।
राज्यपाल सी विद्यासागर राव मुंबई रवाना : राज्यपाल सी विद्यासागर राव नई दिल्ली से चेन्नई के बजाय मुंबई रवाना हुए। राव शशिकला को पद की शपथ दिलाने से पहले कानूनी सलाह ले रहे हैं। महाराष्ट्र राजभवन सूत्रों ने बताया कि वह आज रात मुंबई आ रहे हैं।
हालांकि राज्यपाल की सटीक योजना को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उच्चतम न्यायालय ने आज संकेत दिए हैं कि वह शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में जल्द फैसला सुना सकता है। तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता भी इस मामले में आरोपी थी। शपथ लेने के बाद दोषसिद्धि होने पर शशिकला को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा।
इससे पूर्व हालांकि मद्रास विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह को अदालत के निर्देश के इंतजार के बीच कथित तौर पर इस मौके के लिए तैयार किया जा रहा था। इसी प्रेक्षागृह में दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता का भी शपथ ग्रहण समारोह हुआ था। (वेबदुनिया/एजेंसी)