जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य में सहकारी बैंकों के लघु एवं सीमांत किसानों का पचास हजार रुपए का कर्जा माफ करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को विधानसभा में वर्ष 2018-19 का बजट पेश करते हुए सहकारी बैंकों के लघु एवं सीमांत कृषकों के गत वर्ष तीस सितंबर तक के बकाया अल्पकालीन फसली ऋण में से पचास हजार तक के कर्जे की एकबारीय माफी की घोषणा की।
वसुंधरा राजे ने कहा कि इसके क्रियान्वयन से राज्य सरकार पर लगभग आठ हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भार पड़ेगा। इसके अलावा उन्होंने राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग के गठन की घोषणा भी की। यह आयोग स्थायी संस्था के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा कि किसान आयोग के सामने अपना पक्ष रखकर मेरिट के आधार पर राहत प्राप्त कर सकेंगे। राजे ने कहा कि वर्ष 2018-19 के केंद्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को अल्पकालीन ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण के लिए 384 करोड़ रुपए ब्याज अनुदान एवं 160 करोड रुपए क्षतिपूर्ति ब्याज अनुदान के रूप में प्रावधान किया जाना प्रस्तावित है।
इसी तरह राजफैड को मूल्य समर्थन योजना के तहत सरसों और चने की उपज को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए पांच सौ करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की गई। सरकार द्वारा इस खरीद पर राजफैड को खरीद अवधि के दौरान देय मंडी शुल्क में छूट उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा राजस्थान राज्य भंडार व्यवस्था निगम द्वारा 350 करोड़ रुपए की लागत से 5 लाख टन भंडारण क्षमता के गोदामों का निर्माण कराया जाएगा। गौरतलब है कि राजस्थान में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होना हैं।