देहरादून। उत्तराखंड में मिली शानदार विजय के बाद मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को लेकर भाजपा में चल रही अटकलों के बीच पिथौरागढ़ से विधायक प्रकाश पंत और डोइवाला से विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत इस दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं।
पार्टी विधायकों से उनकी राय लेकर संसदीय बोर्ड को अवगत कराने के लिए नियुक्त किए गए पार्टी पर्यवेक्षकों के जल्द ही दिल्ली से यहां पहुंचने की संभावनाओं को देखते हुए पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक यहां राजधानी में इकट्ठा होने लगे हैं।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि उत्तराखंड के लिए नियुक्त किए गए दोनों पर्यवेक्षकों, नरेंद्र सिंह तोमर और सरोज पांडे के गुरुवार को यहां पहुंचने की संभावना है और उसके बाद किसी भी समय पार्टी विधायक दल की बैठक हो सकती है।
सूत्रों ने यह भी दावा किया कि 17 मार्च तक मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चल रहा धुंधलका साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा, हालांकि सरकार के मुखिया के तौर पर कई संभावित उम्मीदवारों के नाम चल रहे हैं, लेकिन इस दौड़ में सबसे आगे प्रकाश पंत और त्रिवेंद्र सिंह रावत चल रहे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, पंत के पक्ष में सबसे बड़ी बात उनका संगठन से लंबा जुड़ाव होने के साथ ही उनका विधायी अनुभव भी है।
वर्ष 2000 में उत्तराखंड के निर्माण के बाद अंतरिम विधानसभा के पहले अध्यक्ष रहे पंत ने बाद में आई भाजपा सरकारों में पर्यटन, संस्कृति और संसदीय कार्य जैसे मंत्रालयों का भी जिम्मा संभाला। डोइवाला से विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत भी राष्ट्रीय स्वयं संघ से लंबे जुड़ाव, मंत्री पद के दायित्व को संभालने की क्षमता और केंद्रीय नेताओं से नजदीकी के चलते मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे चल रहे हैं।
चौबटटखाल से विधायक सतपाल महाराज भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बताए जा रहे हैं लेकिन केवल दो साल पहले ही पार्टी में शामिल होने के कारण उन्हें सूबे की कमान सौंपे जाने के आसार कम दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा, चार पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बने हुए हैं। (भाषा)