Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

CEC ने रालम गांववासियों को सराहा, ITBP का भी जताया आभार

हमें फॉलो करें CEC ने रालम गांववासियों को सराहा, ITBP का भी जताया आभार

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024 (10:27 IST)
Uttarakhand news in hindi : हाल में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हेलीकॉप्टर की आपातकालीन लैंडिंग के कारण रालम गांव में 17 घंटे फंसे रहे मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने वहां के निवासियों तथा भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों की सेवा और आतिथ्य के लिए उनका आभार जताया है।
 
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम को लिखे एक पत्र में सीईसी ने रालमवासियों की तारीफ करते हुए कहा कि सभी युवा देवदूतों ने मानवता के उच्च आदर्शों का पर्याय बनते हुए हम सब की जीवन रक्षा के लिए इस दिन को अविस्मरणीय यादों में अलंकृत कर दिया।
 
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रशासन आपदा प्रबंधन में स्थानीय निवासियों की भागीदारी की इस मिसाल को 'एज ए फर्स्ट रिस्पांडर' की नीति के रूप से अपनाएगा तथा उन्हें प्रेरित एवं सम्मानित करेगा ।
 
कुमार ने कहा कि मैं आप सभी को हृदय की गहराइयों से धन्यवाद देते हुए आपके स्वस्थ जीवन एवं दीर्घायु की कामना करता हूं। इसके साथ ही सीईसी ने आईटीबीपी के महानिदेशक को भी पत्र लिखकर पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में तैनात बचाव दल की सराहना की।
 
कुमार 16 अक्टूबर को पिथौरागढ़ जिले के धारचूला विधानसभा क्षेत्र के दूरस्थ एवं उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित मतदान स्थलों-- मिलम, मरतोली, गनघर एवं पांछू आदि गांवों में निर्वाचन प्रक्रिया के संचालन के अध्ययन हेतु प्रवास के लिए आए थे।
 
मौसम की खराबी के कारण सीईसी के हेलीकॉप्टर को मुनस्यारी से 42 किलोमीटर पहले रालम गांव के एक खेत में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी । करीब 12 हजार फीट की उंचाई पर स्थित रालम के हिमाच्छादित होने के कारण इसके सभी निवासी अपने शीतकालीन प्रवास गांव पातौं में कुछ दिन पहले ही चले गए थे और इस कारण गांव वीरान था।
 
पातौं गांव के ईश्वर सिंह नबियाल, सुरेन्द्र कुमार एवं भूपेन्द्र सिंह ढकरियाल विषम भौगोलिक परिस्थिति एवं लगातार हो रही वर्षा और हिमपात जैसे प्रतिकूल मौसम में पैदल चलकर रात्रि लगभग एक बजे जीवन रक्षक दवाइयों और खाद्य सामग्री के साथ सीईसी की चार सदस्यीय टीम के पास पहुंचे। सीईसी के साथ उत्तराखंड के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी के जोगदंडे और पायलट के अलावा एक अन्य व्यक्ति भी था।
 
कुमार ने अपने पत्र में लिखा कि कहावत है कि डूबते को तिनके का सहारा। हम सबके साथ यह कहावत उस समय चरितार्थ हुई जब यह तीन सदस्यीय दल देवदूत बनकर ग्राम रालम पहुंचा। इस दल के साथ उनका पालतू श्वान भी था जो दल में चौथे सुरक्षा कवच की भूमिका निभा रहा था।
 
इसके बाद, सुबह पांच बजे आईटीबीपी के जवानों का दल मौके पर पहुंचा जिन्होंने सीईसी और उनकी टीम को चाय बनाकर पिलाई। सुबह छह बजे हेलीकॉप्टर सीईसी तथा अन्य लोगों को लेकर मुनस्यारी पहुंचा जिसके बाद उनकी 17 घंटों तक ठंड में रहने की कठोर परीक्षा की घड़ी समाप्त हुई। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

लॉरेंस बिश्नोई के एनकाउंटर पर करणी सेना ने रखा 1.11 का इनाम, क्या गैंगस्टर लड़ेगा महाराष्‍ट्र चुनाव?