अमरावती। महाराष्ट्र के अमरावती की एक अदालत ने केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या मामले में कथित षडयंत्रकारी इरफान खान को 7 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया, वहीं पुलिस अब उस गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के बैंक खातों की जांच कर रही है, जिसमें आरोपी एक निदेशक है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अमरावती शहर के रहने वाले खान (35) को कोल्हे की हत्या के सिलसिले में शनिवार को नागपुर से गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अधिकारी ने बताया कि आरोपी एक स्वयंसेवी संस्था रहबर का निदेशक है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अब उसके बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के उदयपुर शहर में दर्जी कन्हैयालाल और अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे (54) की हत्याओं के बीच समानताएं हैं, क्योंकि उन दोनों ने भाजपा की पूर्व पदाधिकारी नुपुर शर्मा का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर संदेश डाले थे। पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी करने को लेकर भाजपा ने शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया था कि अमरावती मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गई है। हालांकि अमरावती की पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह ने पीटीआई से कहा कि मामले की जांच एनआईए को सौंपे जाने के संबंध में अब तक हमें कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
सोमवार तक हमें आदेश प्राप्त हो जाएगा। इसके बाद हम जांच को औपचारिक रूप से केंद्रीय एजेंसी को सौंप देंगे क्योंकि प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं में कुछ समय लगता है। एनआईए दर्जी कन्हैयालाल की हत्या की भी जांच कर रही है।
कड़ी सुरक्षा के बीच अमरावती जिला एवं सत्र अदालत ले जाने से पहले, एनआईए की एक टीम ने रविवार सुबह शहर कोतवाली पुलिस थाने में खान से पूछताछ की। पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थानीय अदालत ने खान को सात जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
इससे पहले पुलिस ने 6 अन्य लोगों मुदस्सर अहमद उर्फ सोनू रजा शेख इब्राहिम (22), शाहरुख पठान उर्फ बादशाह हिदायत खान (25), अब्दुल तौफीक उर्फ नानू शेख तस्लीम (24), शोएब खान उर्फ भूर्या साबिर खान (22) ,आतिब रशीद आदिल रशीद (22) और डॉ यूसुफ खान बहादुर खान (44) को कोल्हे की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।
शहर कोतवाली पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से चार आरोपी इरफान खान के दोस्त थे और उनके एनजीओ के लिए काम करते थे। इरफान पर कोल्हे की हत्या की साजिश रचने, अन्य आरोपियों को विशेष कार्य आवंटित करने और उन्हें वाहन और धनराशि उपलब्ध कराने का आरोप है।
अधिकारी ने कहा कि यूसुफ खान एक पशु चिकित्सक हैं और कोल्हे की पशुओं की दवाओं की दुकान थी। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच कारोबारी संबंध थे। कोल्हे ने एक सोशल मीडिया मंच पर पशु चिकित्सकों का एक समूह (ग्रुप) बनाया था, जिसमें यूसुफ खान भी सदस्य था। अधिकारी ने कहा कि कोल्हे ने एक सोशल मीडिया ग्रुप में संदेश डाले थे , जिसका यूसुफ खान भी एक सदस्य था।
अधिकारी ने बताया कि समझा जाता है कि सोशल मीडिया ग्रुप पर नुपुर शर्मा का समर्थन करने वाले उसके पोस्ट ने गुस्सा भड़काया, जिसके बाद यूसुफ खान ने अपराध के लिए कथित तौर पर अन्य लोगों को उकसाया। पुलिस जांच में पता चला है कि यूसुफ खान के कोल्हे के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध थे और यहां तक कि उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था। पुलिस ने तकनीकी जानकारी के आधार पर शुक्रवार रात युसूफ खान को गिरफ्तार कर लिया। इस बीच, कोल्हे के भाई महेश ने मांग की कि मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में की जाए।
महेश ने पीटीआई से कहा कि हमें उम्मीद नहीं थी कि सिर्फ एक समूह से दूसरे समूह में व्हाट्सएप संदेश भेजने से उमेश की हत्या हो जाएगी। अब जब एनआईए इस मामले की जांच कर रही है तो हमें न्याय की उम्मीद है। उमेश कोल्हे की 21 जून को हत्या कर दी गई थी।
पुलिस उपायुक्त विक्रम सैली ने पहले कहा था कि हत्या की घटना कुछ उन संदेशों से संबद्ध है, जिसे कोल्हे ने नुपुर शर्मा का समर्थन करते हुए व्हाट्सएप ग्रुप में साझा किया था। मामले की जांच के लिए एनआईए की एक टीम शनिवार को अमरावती गई और रविवार को यहां शहर कोतवाली थाने में इरफान से पूछताछ की।