Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

आतंकियों की 'लाइव ट्रेनिंग' का हिस्सा थीं इस साल हुईं 28 नागरिकों में से 24 की हत्याएं!

हमें फॉलो करें आतंकियों की 'लाइव ट्रेनिंग' का हिस्सा थीं इस साल हुईं 28 नागरिकों में से 24 की हत्याएं!
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

, शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2021 (12:14 IST)
जम्मू। सच में यह चौंकाने वाली बात है कि आतंकी गुट अब नए भर्ती हुए युवकों, भर्ती के इच्छुक युवकों, यहां तक कि ओवर ग्राउंड वर्करों को भी कश्मीर के भीतर ही 'लाइव ट्रेनिंग' दे रहे हैं। इसकी पुष्टि कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार भी करते थे जिनके बकौल कश्मीर में इस साल अभी तक हुई 28 नागरिकों की हत्याओं में से 24 आतंकियों की 'लाइव ट्रेनिंग' का ही हिस्सा थीं।

 
आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक कश्मीर में इस साल अभी तक आतंकियों ने 28 नागरिकों को मौत के घाट उतारा है। इनमें से 21 कश्मीरी मुस्लिम थे और 7 अन्य समुदाय के। पुलिस का रिकॉर्ड मारे गए 2 प्रवासी नागरिकों को अल्पसंख्यकों की सूची से अलग रखता था।

 
चिंता का विषय यह नहीं है कि मारे जाने वाले किस समुदाय से संबंध रखते थे बल्कि परेशानी का कारण आतंकियों द्वारा अब भर्ती किए गए नए रंगरूटों, भर्ती के इच्छुक गुमराह युवकों तथा ओवर ग्राउंड वर्करों को जो 'लाइव ट्रेनिंग' दी जा रही है, वह है। इस 'लाइव ट्रेनिंग' में आतंकी गुट उन्हें पिस्तौलों का इस्तेमाल करना सिखाते हैं और सीधे टारगेट को हिट करना भी।
 
webdunia
पुलिस मानती है कि यह एक नया और खतरनाक ट्रेंड है। उनके मुताबिक नए रंगरूट और आतंकी गुटों में भर्ती के इच्छुक गुमराह युवकों को 'ट्रेनिंग' के लिए उस पार भिजवा पाना मुश्किल हो रहा है और उन्हें एके राइफलों से भी 'ट्रेनिंग' इसलिए नहीं दी जा रही है, क्योंकि आतंकी खुद भी हथियारों व गोला-बारूद की कमी का सामना कर रहे हैं।

एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक पिछले कई दिनों से आतंकियों और उनके ठिकानों से बड़ी मात्रा में बरामद होने वाले पिस्तौल व ग्रेनेड इसकी पुष्टि करते थे कि आतंकी गुट इनका इस्तेमाल नए रंगरूटों की 'लाइव ट्रेनिंग' के लिए कर रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

‘नोबल सम्‍मान’ के लिए जब गुरनाह को कॉल आया तो वे इसे मजाक समझ रहे थे, फि‍र ऐसे हुआ यकीन