बुरहान की मौत कश्मीर को नए आतंक की ओर धकेलेगी क्योंकि...

सुरेश एस डुग्गर
शनिवार, 9 जुलाई 2016 (18:08 IST)
श्रीनगर। 14 साल की उम्र में आतंकी बनने वाले ‘पोस्टर बॉय ऑफ मिलिटेंसी’बुरहान वानी की मौत को लेकर भयानक कयास लगाए जा रहे हैं। अधिकतर कहते हैं कि उसकी मौत कश्मीर के लिए भयानक साबित होगी, क्योंकि लोग उसकी तुलना मरे हुए हाथी से कर रहे हैं जिसके बारे में हमेशा कहा जाता है कि अगर जिन्दा हाथी की कीमत लाख रुपए है तो मरे हुए की सवा लाख। अर्थात सभी को आशंका है कि बुरहान वानी की मौत कश्मीर को एक नए आतंकवाद के युग की ओर ले जाएगी जिससे वापस मुड़ना फिर असंभव होगा।
दक्षिण कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन को फिर से जिंदा करने वाला बुरहान, 7 साल से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय था। वह 14 साल की उम्र में ही घर से भाग गया था। एनकाउंटर के बाद इसका विरोध भी हो रहा है। दावा यह है कि बुरहान के मारे जाने से दक्षिण कश्मीर में आतंकियों की रीढ़ टूट गई है। इस एनकाउंटर के खिलाफ हुर्रियत ने कश्मीर में बंद का ऐलान किया गया था।
 
जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि ये बहुत बड़ी खबर है। इसका मतलब है कि घाटी में आने वाले दिन काफी तनाव भरे होंगे। कश्मीर पंडितों ने सरकार से आतंकी बुरहान वानी का शव उसके परिवार को न सौंपने की अपील की थी।
 
उमर अब्दुल्ला ने आज ट्वीट के जरिए हिज्बुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद इससे जुड़े कुछ सवाल उठाए हैं। लब्बोलुआब यह है कि उनके मुताबिक जिंदा रहते हुए सोशल मीडिया के मार्फत वह जो कुछ कर सकता था, मौत के बाद ज्यादा खतरनाक साबित होगा। उन्होंने ट्वीट करके कहा है- मेरे शब्दों पर गौर करें। आतंकवादियों की भर्तियां बुरहान जितनी अपनी मौत के बाद कर सकता है, वह उस सब कुछ से कहीं ज्यादा है जो कुछ वह सोशल मीडिया के जरिए कर सकता था।
 
पिछली रात जब बुरहान के मारे जाने की खबर आई तब ही पूर्व सीएम अब्दुल्ला ने ट्वीट करके कहा था कि अगर यह खबर सही है तो कश्मीर के लिए आने वाले समय तनावपूर्व होंगे। उन्होंने ट्वीट करके कहा था- बुरहान न तो बंदूक उठाने वालों में पहला है और न ही वह आखिरी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने यह हमेशा कहा है कि एक राजनीतिक समस्या का निदान राजनीतिक तरीके से ही हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें याद नहीं यदि कार्यकाल के दौरान वानी से संबंधित आतंकवादी गतिविधियों जैसा कोई वाकया सामने आया हो।
 
सोशल मीडिया पर वीडियो एवं तस्वीरें डालकर युवाओं से बंदूक उठाने की अपील कर बुरहान चर्चित हुआ था। श्रीनगर के बाहरी इलाके त्राल के रहने वाले बुरहान पर 10 लाख रुपए का इनाम था जबकि सरताज कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल था।
 
बताया जाता है कि सुरक्षा बलों की ओर से किए गए अपने बड़े भाई के कथित अपमान का बदला लेने के लिए बुरहान ने बंदूक उठाई थी। सोशल नेटवर्किंग साइटों पर बुरहान की कई तस्वीरें और उसकी तारीफ करने वाले कई पोस्ट डाले गए, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने हटवा दिया था लेकिन इससे उसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई।
 
21 वर्षीय हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी की मौत पर पिता ने गर्व महसूस किया है। मुज्जफर अहमद वानी ने कहा है कि उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है। स्कूल प्रिंसिपल वानी ने कहा कि मुझे पता था कि बेटा नाम रोशन करेगा और उसने अंततः शहादत पाई है। बुरहान का भाई खालिद वानी पिछले वर्ष मुठभेड़ में मारा गया था। उसका एक और भाई है। पिता का कहना है कि अगर उसका तीसरा बेटा भी कश्मीर के जिहाद की राह पर जाना चाहेगा तो वो उसे नहीं रोकेंगे।
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