पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी को अब राज्यसभा भेजा जाएगा। भाजपा ने उन्हें बिहार से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है।
लोक जनशक्ति पार्टी नेता रामविलास पासवान के हाल में निधन के बाद बिहार की राज्यसभा सीट खाली हुई है। रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा की सीट पर उपचुनाव होगा।
इस बार उन्हें बिहार का उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था, तब से ही ये खबरें थीं कि उन्हें पार्टी नई जिम्मेदारी दे सकती है।
बिहार की एनडीए सरकार में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में महागठबंधन की सरकार को छोड़ दें तो सुशील मोदी लगातार उप-मुख्यमंत्री के पद पर रहे। सुशील मोदी को नीतीश कुमार का खास भरोसेमंद साथी माना जाता था।
राज्यसभा के लिए मोदी का चुना जाना लगभग तय है, क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का राज्य विधानसभा में बहुमत है। राजद के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गठबंधन द्वारा चुनाव लड़ने की स्थिति में इस सीट के लिए 14 दिसंबर को चुनाव होगा।
लोजपा के बिहार राजग से बाहर आकर अपने बलबूते बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले के साथ ही भाजपा ने इस सीट पर फिर से अपना दावा करने का निर्णय लिया था, जो उसने अपने कोटे से पासवान को दी थी।
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक और केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी।
भाजपा नेतृत्व ने बिहार में अपने प्रमुख नेताओं में से एक मोदी को राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाए नहीं रखने का फैसला किया था। इसकी बजाय दो अन्य नेताओं तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया।