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मराठा प्रदर्शनकारियों ने शरद पवार के काफिले को रोका, मनोज जरांगे के समर्थन में रैली में नारे लगाए

हमें फॉलो करें मराठा प्रदर्शनकारियों ने शरद पवार के काफिले को रोका, मनोज जरांगे के समर्थन में रैली में नारे लगाए

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोलापुर , रविवार, 11 अगस्त 2024 (22:48 IST)
Sharad Pawars convoy stopped by Maratha agitators  : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता शरद पवार को रविवार को अलग-अलग जगहों पर मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। आंदोलनकारियों ने सोलापुर जिले में उनके वाहन को रोककर नारेबाजी की जबकि बर्शी कस्बे में रैली को संबोधित करते समय काले झंडे दिखाए।
 
टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित वीडियो में देखा जा सकता है कि 'मराठा आरक्षण' के नारे लगाते हुए लोगों के एक समूह ने कुर्दुवाड़ी गांव के पास पवार की कार रोककर उनसे आरक्षण के मुद्दे पर रुख स्पष्ट करने को कहा।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पवार को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने आरक्षण का समर्थन किया है, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अपनी बात नहीं कह रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने पवार से पूछा, "आप लंबे समय से मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का समर्थन करने की बात कर रहे हैं। आप इस मुद्दे पर अपना रुख सार्वजनिक रूप से क्यों नहीं बताते?"
 
इसके कुछ घंटे बाद कुछ युवक बार्शी कस्बे में पवार के रैली स्थल पर पहुंचे और आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे के समर्थन में नारे लगाए। पवार जब भाषण दे रहे थे, तब युवकों ने काले झंडे भी दिखाए। घटना की पुष्टि करते हुए सोलापुर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पवार की रैली में चार युवकों ने जरांगे के समर्थन में नारे लगाए। सुरक्षा कर्मियों और पुलिसकर्मियों ने उन्हें काबू किया और हिरासत में लेकर थाने ले गए।
 
रैली को संबोधित करते हुए पवार ने किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आश्वासन पर कटाक्ष किया और दावा किया कि भाजपा शासन में किसानों की आत्महत्या की घटनाएं दोगुनी हो गई हैं।
 
मनोज जरांगे सभी कुनबी (कृषक) और उनके “ऋषि सोयरे” (रक्त संबंधियों) को मराठा के रूप में मान्यता देने के लिए ओबीसी प्रमाण पत्र की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं।
 
फरवरी में, महाराष्ट्र विधानसभा ने शिक्षा व सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला एक विधेयक पारित किया था, लेकिन जरांगे मराठाओं को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। इनपुट भाषा

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