कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर से शहीद भगत सिंह का गहरा नाता रहा है जिसके चलते कानपुर वासियों की लंबी समय से चल रही मांग को देखते हुए कानपुर नगर निगम ने उनके सम्मान में अंग्रेजों के परेड चौराहे का नाम अब शहीद भगत सिंह के नाम पर कर दिया, जिससे कानपुर वासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।
आपको बताते दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर का प्रमुख चौराहा परेड, जिसका नामकरण अंग्रेजों ने किया था और इसी चौराहे के आसपास अंग्रेजों का पूरा प्रशासनिक तंत्र चलता था, लेकिन देश की आजादी के बाद भी इसके नाम में परिवर्तन नहीं किया गया, जिसको लेकर शहर के तमाम सामाजिक संगठन बराबर कभी हस्ताक्षर अभियान के जरिए तो कभी नुक्कड नाटक के जरिए मांग करते रहे कि इसका नाम शहीद भगत सिंह किया जाए।
सामाजिक संगठनों का तर्क था कि इस नाम से गुलामियत की बू आती है, जबकि शहीद भगत सिंह इसी चौराहे के पास ही फीलखाना क्षेत्र में छुपकर व अपना नाम बलवंत सिंह रखकर पहले गणेश शंकर विद्यार्थी के साथ पत्रकारिता के जरिए अंग्रेजों को नाको चने चबवाया, इसके बाद यहीं से देश की आजादी के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों को भी अंजाम देते रहे।
शहरवासियों की लंबे समय से चल रही मांग को देखते हुए भाजपा पार्षद दल ने नगर निगम के सदन में परेड चौराहे का नाम शहीद भगत सिंह रखने का प्रस्ताव रखा था। जिसे सभी पार्षदों ने ध्वनिमत से पास कर दिया। भाजपा महापौर प्रमिला पाण्डेय ने कहा कि यह दिन कानपुर नगर निगम के लिए ऐतिहासिक रहा और सभी पार्षदों की सहमति से अब अंग्रेजों के नामकरण से जाना जाने वाला परेड चौराहा अब भगत सिंह चौक के नाम से जाना जाएगा।