नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने एक ट्यूटर को उसकी 15 साल की छात्रा का पीछा करने और उसका यौन उत्पीड़न करने के आरोपों से बरी कर दिया क्योंकि लड़की ने ट्यूटर की पहचान करने से भी इनकार कर दिया था।
अदालत ने दक्षिण दिल्ली निवासी आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 354डी (पीछा करने) और पॉक्सो कानून की धारा 12 (यौन उत्पीड़न) के तहत अपराधों के आरोपों से बरी कर दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बलवंत राय बंसल ने कहा कि पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि अगर उसे आरोपी दिखाया जाता है तो वह उसे पहचान भी नहीं सकती। उसने कहा कि उसे याद नहीं है कि वह व्यक्ति ही उसे ट्यूशन पढ़ाता था। न्यायाधीश ने कहा कि पीड़िता और उसके पिता के बयान से कोई आपत्तिजनक सबूत सामने नहीं आया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, लड़की और उसके पिता ने 16 नवंबर, 2013 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि लड़की को घर पर ट्यूशन पढ़ाने के लिए आने वाला आरोपी लड़की की इच्छा के विरुद्ध उसे फोन करता था। (भाषा)