रीवा। रीवा तथा शहडोल संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने संभाग के सभी कलेक्टरों को दिव्यांगजनों को लॉकडाउन की अवधि में भोजन तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अथवा संस्था दिव्यांगजनों की सेवा कर रही है उन्हें आवश्यक अनुमति पत्र जारी करें, जिससे वे प्रतिबंध की अवधि में दिव्यांगों की सेवा कर सके।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार ने 21 दिनों की अवधि के लिए कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए है, जो सभी नागरिकों के लिए लागू होते है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा-8 में इन स्थितियों में दिव्यांगजनों को जोखिम, मानवीय आपात स्थितियों, प्राकृतिक आपदाओं की दशा में समान संरक्षण और सुरक्षा प्रदान किया जाने का प्रावधान है।
डॉ. भार्गव ने बताया कि कोविड-19 पूरी जनता को प्रभावित कर रहा है लेकिन शारीरिक, संवेदी और ज्ञान संबंधी सीमाओं के कारण दिव्यांगजनों का इस बीमारी की चपेट में आने की संभावना अधिक है। मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के कारण निर्मित आपात स्थिति में लॉकडाउन अवधि में दिव्यांगजनों के संरक्षण एवं सुरक्षा के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा 26 मार्च 2020 को निर्देश जारी किए गए है।
इन निर्देशों के अनुसार (क) लॉकडाउन के दौरान दिव्यांगजनों की देखभालकर्ता के लिए स्थानीय यात्रा पास, प्राथमिकता के आधार पर सरल तरीके से जारी करने की आवश्यकता है, और (ख) दिव्यांगजनों को भी आवश्यक भोजन, पानी, दवा उपलब्ध होनी चाहिए।
इस बात पर भी ध्यान दिया जाए कि गैर सरकारी संगठन और दिव्यांगजन संघ भी दिव्यांगजनों के दैनिक जीवन को आसानी से जीने और आवश्यक वस्तु प्राप्त करने में सहयोग करें। दिव्यांगजनों के लिए सहयोगी सेवाओं का सुचारू प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिये इन संगठनों के साथ समन्वय करने की आवश्यकता है।