बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अचानक राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की। इसके बाद सियासी गलियारे में एक बार फिर से कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। इस बीच सियासी कयासबाजी को हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी हवा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
मांझी ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर लिखा, "खेला होबे"। उन्होंने इसे बांग्ला के अलावा मगही और भोजपुरी भाषा में भी लिखा और कहा कि बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर आयोजित राजकीय समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और वित्त मंत्री विजय चौधरी के साथ मौजूद थे और वहां से वे सीधे चौधरी के साथ राजभवन चले गए।
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बंगला में कहतें हैं,
“खेला होबे”
मगही में कहतें हैं,
“खेला होकतो”
भोजपुरी में कहतें हैं,
“खेला होखी”
बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं…
40 मिनट तक चली मुलाकात : आर्लेकर के साथ यह मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली। इसके बाद वे बिना पत्रकारों से बातचीत किए अपने आवास आवास लौट गए । इस मुलाकात में तेजस्वी यादव के नहीं होने की वजह से भी कयासबाजी को हवा मिल गई।
बताया सामान्य भेंट : उधर मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मुलाकात को सामान्य शिष्टाचार भेंट बताया है । बताया जा रहा है कि श्री कुमार विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर चर्चा के लिए राजभवन गए थे।