सीमांत गांधी की प्रपौत्री बोलीं, भारतभर से पख्तूनों के त्राहिमाम संदेश मिल रहे

Webdunia
मंगलवार, 17 अगस्त 2021 (19:20 IST)
प्रमुख बिंदु
कोलकाता। 'सीमांत गांधी' खान अब्दुल गफ्फार खान की कोलकाता स्थित प्रपौत्री यास्मीन निगार खान ने मंगलवार को कहा कि उन्हें भारतभर में रहने वाले पख्तूनों के त्राहिमाम संदेश (एसओएस) मिल रहे हैं जिनमें विदेश मंत्रालय से अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां रह रहे उनके परिजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जा रहा है। पीढ़ियों से मध्य कोलकाता में रह रहीं खान (50) ऑल इंडिया पख्तून जिरगा-ए-हिन्द की अध्यक्ष हैं, जो देश में समुदाय की शीर्ष संस्था है।

ALSO READ: अफगान पर PM मोदी ने बुलाई बैठक, गृह मंत्री शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ NSA डोभाल भी मौजूद
 
बीती 2 रातों से बमुश्किल सोईं खान ने बताया कि हम केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के लगातार संपर्क में हैं, लेकिन स्थिति लगातार तेजी से बदल रही है और अफगानिस्तान से बहुत कम जानकारी बाहर आ रही है। फोन लाइनें बंद हैं और काबुल की तस्वीरें परेशान करने वाली हैं। जो लोग भारत में रह रहे हैं, वे व्याकुल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग 1,000 पख्तूनों और देश के अन्य हिस्सों में पीढ़ियों से रह रहे लाखों लोगों के पास अपने मूल स्थान लौटने का कोई मौका नहीं है, लेकिन लगभग सभी के रिश्तेदार अफगानिस्तान या पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में हैं।

ALSO READ: Live Updates : भारतीय विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों के लिए जारी किए नए हेल्पलाइन नंबर
 
खान ने कहा कि वे अफगानिस्तान में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से कुछ महीनों पहले तक नियमित रूप से बात करते थे, लेकिन अब उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे। उन्हें जो कुछ भी थोड़ी बहुत जानकारी मिल रही है, वह उन लोगों के जरिए, जो पाकिस्तान में रह रहे हैं। कई लोगों के रिश्तेदार तालिबान के हमलों में मारे गए। तालिबान की नजरों में स्वतंत्रता, गरिमा और महिलाओं की आजादी का कोई सम्मान नहीं है।

ALSO READ: सोशल मीडि‍या यूं हो गया ‘तालिबानमय’, हर दूसरी पोस्‍ट अफगान-तालिबान पर
 
उन्होंने कहा कि तालिबान के पिछले शासन के दौरान उन्होंने युवा विधवाओं का अपहरण अपने सदस्यों से उनकी शादी कराने के लिए किया। वे नहीं चाहते कि लड़कियां पढ़ें या स्कूल जाएं। वे जिसे इस्लामी कानून बताते हैं, वह वास्तव में धर्म का उपहास है। क्या मदरसों में लड़कियां नहीं पढ़ती हैं? इस्लाम मानने वाले देशों में भी लड़कियों को आधुनिक शिक्षा लेने और पुरुषों के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है। तालिबान महिलाओं को मध्यकालीन युग में ले जाना चाहता है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

tirupati laddu पर छिड़ी सियासी जंग, पशु चर्बी के दावे पर तेदेपा-वाईएसआरसीपी आमने-सामने

Kolkata Doctor Case : जूनियर डॉक्‍टरों ने खत्‍म की हड़ताल, 41 दिन बाद लौटेंगे काम पर

कटरा चुनावी रैली में कांग्रेस-नेकां पर गरजे PM मोदी, बोले- खून बहाने के पाकिस्तानी एजेंडे को लागू करना चाहता है यह गठबंधन

Mangaluru : 2 सिर और 4 आंख वाला दुर्लभ बछड़ा पैदा हुआ, देखने के लिए उमड़ा हुजूम

वन नेशन वन इलेक्शन में दक्षिण भारत पर भारी पड़ेगा उत्तर भारत?

सभी देखें

नवीनतम

ओडिशा की घटना पर प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ें, महिला आयोग संज्ञान ले : सुप्रिया श्रीनेत

गृहमंत्री अमित शाह ने बताई नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन

Bengal Flood : ममता बनर्जी ने बाढ़ को बताया साजिश, PM मोदी को लिखा पत्र, दी यह चेतावनी

Tirupati Laddu Controversy : जेपी नड्डा ने CM चंद्रबाबू से मांगी रिपोर्ट, बोले- जांच के बाद होगी उचित कार्रवाई

इस बार कश्मीर के चुनाव मैदान में हैं 25 पूर्व आतंकी, अलगाववादी और जमायते इस्लामी के सदस्य

अगला लेख
More