देहरादून। रूड़की के बहुचर्चित सुनील हत्याकांड का बुधवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। हत्याकांड में मृतक के भाई की पूर्व प्रेमिका ही मास्टरमाइंड निकली है। आरोपी महिला ने प्रेमी से हत्याकांड को अंजाम दिलाया। शादी टूटने व मृतक के अपने साथ अवैध संबधों की झूठी अफवाहें फैलाए जाने से नाराज होकर महिला ने यह पूरा षड़यंत्र रचा। पुलिस ने आरोपिता व हत्याकांड को अंजाम देने वाले उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी ने हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम को ढाई हजार रुपए के नकद इनाम की घोषणा की है।
कोतवाली रुड़की में पत्रकारों से वार्ता के दौरान हरिद्वार जिले की एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने बताया कि आईआईटी में कार्यरत सुरक्षा गार्ड सुनील पुत्र रमेश सैनी की 18 मई की रात गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। अगले दिन मृतक का शव शेरपुर गांव के पास जंगल में पड़ा मिला। मौके से पुलिस को बीयर व शराब की खाली बोतल, चिकन के टुकड़े व महिला के कपड़े मिले। जिससे पुलिस का संदेह गहरा गया।
मृतक के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की। हत्याकांड के खुलासे को लेकर अधिकारियों ने एसओजी प्रभारी मौ. यासीन व कोतवाली रुड़की प्रभारी वीडी उनियाल के नेतृत्व में पुलिस की तीन अलग-अलग टीमों का गठन किया। हत्याकांड की छानबीन में जुटी टीमों को मृतक सुनील के छोटे भाई सुशील के पूर्व में मंसूरपुर, मुजफ्फरनगर निवासी शालू से प्रेम-प्रसंग होने की जानकारी लगी। मामला शादी तक पहुंचने और फिर अचानक टूट जाने की बात भी पुलिस के सामने आई। साथ ही मौजूदा समय में शालू के टोडा कल्याणपुर के ही अनुज के संपर्क में होने की बात पता चली। इस पर पुलिस ने अनुज से पूछताछ की। इसमें कोई खास सफलता नहीं मिल पाई।
छानबीन में पुलिस को घटना की रात सुनील के अनुज से फोन पर बात करने की जानकारी लगी। जिसके बाद पुलिस ने दोबारा से अनुज से पूछताछ करते हुए उसके मोबाइल को खंगाला तो पूरा मामला खुलता चला गया। अनुज के हत्याकांड की बात कबूलने पर पुलिस ने सुबह उसकी प्रेमिका को भी घर से गिरफ्तार कर लिया।
एसएसपी ने बताया कि सुशील से शादी टूट जाने और सुनील के अपने साथ अवैध संबधों की झूठी अफवाह फैलाने को लेकर शालू आहत थी। इसी से नाराज होकर शालू ने सुनील की हत्या की साजिश रची। इसमें अनुज उसके लिए कारगर साबित हो गया। जिसके सहारे आरोपिता ने सुनील को ठिकाने लगवा दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी देहात प्रमेंद्रसिंह डोबाल, सीओ रुड़की कुलदीपसिंह असवाल भी मौजूद रहे।
अभियुक्तों से तेज निकला पुलिस का नेटवर्क : सुनील हत्याकांड में पुलिस का नेटवर्क अभियुक्तों से तेज रहा है। पुलिस को गुमराह किए जाने की तमाम रणनीति अपनाने के बावजूद आरोपित दो दिन भी ठीक से पुलिस की पकड़ से दूर नहीं रह सके। 48 घंटे में ही पुलिस ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने अब मुकदमे में साजिश व साक्ष्य छुपाए जाने की धाराएं भी बढ़ा दी हैं।