कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम से सांसद शताब्दी रॉय ने अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रति अपना असंतोष जताया, जिसके बाद राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए उनसे संपर्क किया है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस से कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने अभिनेत्री से नेता बनी रॉय से शुक्रवार दोपहर में दक्षिण कोलकाता स्थित उनके आवास पर करीब एक घंटे की मुलाकात की। घोष ने रॉय से यह मुलाकात उनके द्वारा पार्टी छोड़ने के संकेत आने के बाद की।
घोष ने रॉय से मुलाकात के बाद के उनके आवास से निकलते हुए कहा कि शताब्दी रॉय एक पुरानी मित्र हैं। मैं अपनी मित्र से मिलने के लिए आया था। मुझे यह भी पता चला है कि भाजपा नेता मुकुल रॉय ने उनसे सम्पर्क किया था और उनसे कहा कि वह शनिवार को दिल्ली के अपने दौरे के दौरान उनसे मुलाकात करें।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं दमदम से सांसद सौगत रॉय ने कहा कि पार्टी उनकी शिकायतों को दूर करने का प्रयास करेगी और मुद्दों का समाधान करेगी। शताब्दी रॉय ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया है कि उनके संसदीय क्षेत्र में चल रहे पार्टी के कार्यक्रमों के बारे में उन्हें नहीं बताया जा रहा है और इससे उन्हें 'मानसिक पीड़ा' पहुंची है।
बीरभूम से तीन बार की सांसद रॉय ने कहा कि यदि वह कोई फैसला करती हैं तो शनिवार अपराह्न दो बजे लोगों को उसके बारे में बताएंगी। उनकी इस पोस्ट से टीएमसी में हलचल मच गई। पार्टी सूत्रों के अनुसार रॉय के बीरभूम जिला टीएमसी प्रमुख अनुव्रत मंडल से मतभेद हैं।
रॉय ने अपने फैंस क्लब पेज पर फेसबुक पोस्ट में लिखा कि इस संसदीय क्षेत्र से मेरा निकट संबंध है। लेकिन हाल में कई लोग मुझसे पूछ चुके हैं कि मैं पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों से नदारद क्यों हूं। मैं उनको बताना चाहती हूं कि मैं सभी कार्यक्रमों में शरीक होना चाहती हूं, लेकिन मुझे मेरे संसदीय क्षेत्र में आयोजित पार्टी कार्यक्रमों की जानकारी नहीं दी जा रही, तो मैं कैसे शरीक हो सकती हूं। इसके चलते मुझे मानसिक पीड़ा पहुंची है।
शताब्दी रॉय ने कहा कि उन्होंने पिछले 10 वर्षों के दौरान अपने परिवार से अधिक समय अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों के साथ बिताया है और इससे उनके शत्रु भी इंकार नहीं कर सकते।
उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि इसलिए, मैं इस वर्ष कुछ निर्णय लेने का प्रयास कर रही हूं ताकि मैं पूरा समय आपके साथ बिता सकूं। मैं आपके प्रति आभारी हूं। आप 2009 से मेरा समर्थन कर रहे हैं। उम्मीद है कि आप आने वाले दिनों में भी मेरा समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि मैं कोई निर्णय करती हूं तो मैं आपको 16 जनवरी, शनिवार अपराह्न दो बजे बताऊंगी।
सम्पर्क किए जाने पर रॉय ने इसकी पुष्टि की कि पोस्ट उनके द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि मैंने नेतृत्व तक पहुंच बनाने का प्रयास किया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। यदि मैं जनता के लिए काम नहीं कर पा रही हूं तो पद पर बने रहने का क्या लाभ है।
सांसद के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि रॉय दो बार तारापीठ उन्नयन परिषद से इस्तीफा दे चुकी हैं, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि रॉय का शनिवार को दिल्ली का दौरा करने का कार्यक्रम है। यह पूछे जाने पर कि क्या उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना है, रॉय ने कोई जवाब नहीं दिया।
इस सवाल पर कि क्या वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगी, रॉय ने कहा कि ऐसे लोगों से मुलाकात की हमेशा संभावना होती हैं जिन्हें आप जानते हैं, लेकिन ऐसी कोई संभावना नहीं है। इस घटनाक्रम पर मंडल ने कहा कि वह अभी भी पार्टी में हैं। यदि वह कोई कदम उठाती हैं तो मैं जो कहना होगा कहूंगा।
रॉय गत 29 दिसंबर को बोलपुर में एक रोडशो के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ दिखी थीं। बांग्ला फिल्म उद्योग में एक सफल करियर के बाद रॉय राज्य में वाम मोर्चा सरकार के अंतिम वर्षों में राजतनीति में आ गई थीं। रॉय 2009 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर बीरभूम से चुनाव जीती थीं। वह 2014 और 2019 में भी इस सीट से जीती थीं।
रॉय के अलावा टीएमसी के एक और वरिष्ठ नेता एवं राज्य के मंत्री राजीव बनर्जी ने भी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा है कि वह शनिवार को दोपहर में फेसबुक लाइव के जरिए अपने अगले कदम के बारे में बताएंगे। बनर्जी ने भी पार्टी से दूरी बना रखी है।