Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

महबूबा बोलीं, 5 अगस्त 2019 की पूर्व की स्थिति बहाल करना प्रमुख मांग

हमें फॉलो करें महबूबा बोलीं, 5 अगस्त 2019 की पूर्व की स्थिति बहाल करना प्रमुख मांग
, मंगलवार, 22 जून 2021 (23:46 IST)
अनंतनाग। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि 24 जून को नई दिल्ली में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक (एपीएम) में जम्मू-कश्मीर को 5 अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति बहाल करना मुख्य मांग होगी। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। महबूबा ने मंगलवार को अपराह्न में दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा में अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के कब्रिस्तान में स्थित मजार पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि दिवंगत पीडीपी संस्थापक हमेशा किसी भी मुद्दे को हल करने के लिए बातचीत के पक्ष में थे।

 
उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री की ओर से बातचीत के लिए बुलाई गई बैठक के खिलाफ नहीं है। जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने की मांग कर रही 5 मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के गठबंधन पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) की उपाध्यक्ष महबूबा ने कहा कि हम मांग कर रहे हैं 5 अगस्त 2019 को असंवैधानिक रूप से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों से छीनी गई चीजों को वापस की जाए।

 
भारतीय जनता पार्टी के समर्थन वापस लेने से पहले वर्ष 2016 से 2018 तक भगवा पार्टी के साथ गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने वाली महबूबा ने कहा कि एपीएम के लिए कोई एजेंडा नहीं है। हमें किसी भी एजेंडे के बारे में नहीं बताया गया है। उन्होंने कहा कि हम अपने एजेंडे को लेकर स्पष्ट हैं कि जो हमसे छीन लिया गया है, उसे बहाल करना है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों के दौरान जम्मू-कश्मीर के लोगों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, क्योंकि जो कोई भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहा था, उसे हिरासत में लिया गया और विभिन्न कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पत्रकारों को भी सच लिखने के लिए नहीं बख्शा गया।
 
महबूबा ने कहा कि वह राजनीतिक और अन्य बंदियों को जेलों से तत्काल रिहा करने की मांग के पक्ष में हैं। कम से कम मैं चाहती हूं कि जिन कैदियों पर गंभीर आरोप हैं और जिन्हें रिहा नहीं किया जा सकता, उन्हें कम से कम कश्मीर की जेलों में वापस भेज दिया जाना चाहिए ताकि उनके रिश्तेदार उनसे मिल सकें, जो उनसे मिलने जेलों में जाने के लिए आर्थिक और अन्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।(वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत के अमीरों की संपत्ति 2020 में 4.4 प्रतिशत घटकर 12,830 अरब डॉलर रह गई: रिपोर्ट