लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने नगर निकाय चुनावों के परिणामों पर असंतोष जाहिर करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी धांधली से अधिकतर सीट जाती है और इस बार भी चुनाव में ऐसा ही हुआ है।
उन्होंने चेतावनी दी कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बसपा चुप होकर बैठने वाली नहीं है, बल्कि वक्त आने पर भाजपा को इसका जवाब जरूर मिलेगा। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने उनके बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका बयान घोर हताशा का परिचायक है।
उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में शनिवार को हुई मतगणना में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के सभी 17 नगर निगमों के महापौर पद पर एकतरफा जीत हासिल की है। किसी भी विपक्षी दल को महापौर सीट पर जीत नहीं मिली। नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में भी भाजपा का दबदबा रहा।
बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया, उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में भाजपा के साम, दाम, दंड, भेद आदि अनेक हथकंडों के इस्तेमाल के साथ ही साथ इनके द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बसपा चुप होकर बैठने वाली नहीं है, बल्कि वक्त आने पर इसका जवाब भाजपा को जरूर मिलेगा।
नगर निगमों में मतपत्र से मतदान की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए उन्होंने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, साथ ही, तमाम विपरीत हालात का सामना करते हुए बसपा पर भरोसा करके पार्टी उम्मीदवारों को वोट करने के लिए लोगों का तहेदिल से आभार व शुक्रिया। अगर यह चुनाव भी मुक्त एवं निष्पक्ष होता तो नतीजों की तस्वीर कुछ और होती। मतपत्र से चुनाव होने पर बसपा महापौर चुनाव भी जरूर जीतती।
मायावती ने भाजपा के साथ ही समाजवादी पार्टी (सपा) पर भी निशाना साधते हुए अगले ट्वीट में कहा, वैसे चाहे भाजपा हो या सपा दोनों ही पार्टियां सत्ता का दुरुपयोग करके ऐसे चुनाव जीतने में एक-दूसरे से कम नहीं हैं, जिस कारण सत्ताधारी पार्टी ही धांधली से अधिकतर सीट जीत जाती है और इस बार भी इस चुनाव में ऐसा ही हुआ, यह अति चिंतनीय है।
बसपा प्रमुख के आरोपों पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने रविवार को कहा, बसपा सुप्रीमो मायावती जी का ट्वीट उनकी घोर हताशा का परिचायक है, जिसमें उन्होंने जनादेश का सम्मान करने के बजाय और बसपा को जनता द्वारा खारिज किए जाने की बजाय भाजपा की जोड़तोड़ की जीत बताकर सच्चाई से मुंह मोड़ लिया है।
श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सम्मानित जनता का हृदय से अभिनंदन जिसने पुनः 2014 से हर चुनावों की ही तरह बसपा, सपा व कांग्रेस की जातीय गुणा गणित और भ्रष्टाचार की राजनीति को खारिज करते हुए भाजपा के सुशासन और विकास के साथ मजबूती से खड़ी हुई।
वर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव में महापौर की 16 सीटों में से 14 पर भाजपा और अलीगढ़ तथा मेरठ में बसपा के उम्मीदवारों को जीत मिली थी। इस बार मेरठ में भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अनस को पराजित किया। सपा की सीमा प्रधान तीसरे स्थान पर रहीं जबकि बसपा इस बार चौथे स्थान पर रही।
पिछले महापौर चुनाव में बसपा द्वारा जीते गए अलीगढ़ में भाजपा के प्रशांत सिंघल ने सपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जमीर उल्लाह खान को हरा दिया। यहां बसपा के सलमान शाहिद तीसरे स्थान पर रहे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी जीत के बाद राज्य में ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के लिए शनिवार को उत्तर प्रदेश की जनता का आभार जताते हुए कहा था कि 17 नगर निगमों में पहली बार भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ विजय प्राप्त करने में सफल रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 200 नगर पालिका परिषदों में 199 में चुनाव हुए हैं और 2017 में भाजपा ने 60 नगर पालिकाओं में विजय प्राप्त की थी और इस वर्ष भाजपा ने नगर पालिका परिषदों में 2017 के मुकाबले दोगुना से अधिक सीटें प्राप्त की हैं। उन्होंने कहा कि 545 नगर पंचायतों में भाजपा ने इस बार अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है और 2017 की अपेक्षा ढाई गुना सीटें भाजपा ने हासिल की हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)