मुंबई। महाराष्ट्र के आवासीय विभाग ने मकान मालिकों से कहा है कि लॉकडाउन के कारण उपजी स्थिति के चलते वे किराएदारों से कम से कम तीन महीने तक किराया न लें।
शुक्रवार को जारी एक परिपत्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव (आवासीय विभाग) संजय कुमार ने मकान मालिकों से यह भी कहा कि यदि किराएदार किराया देने में असमर्थ हैं तो उन्हें इस समय घरों से न निकाला जाए। अधिकारी ने कहा कि बंद के कारण बाजार और कारखानों में वित्तीय लेनदेन नहीं हो पा रहा है और इस वजह से लोगों की आय और रोजगार प्रभावित हुआ है।
कुमार ने परिपत्र में कहा, कई लोग कठिन वित्तीय स्थिति से जूझ रहे हैं। बहुत सारे लोग मकान का किराया देने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए कम से कम तीन महीने तक किराया नहीं लेना चाहिए और किराया न देने की स्थिति में किसी किराएदार को निकाला नहीं जाना चाहिए।
दिल्ली से पैदल हरदोई जा रहे 7 मजदूरों का पुलिस ने कराया पुनर्वास : उधर दिल्ली में किराया नहीं देने पर मकान मालिक द्वारा मकान खाली कराये जाने पर अपने सामान के साथ पैदल ही उत्तर प्रदेश के हरदोई जा रहे 7 मजदूरों को दिल्ली पुलिस ने वापस उनके किराये के आवास में रखवा दिया।
गश्त के दौरान दो पुलिसकर्मियों ने 7 मजदूरों को दक्षिण दिल्ली के बारापुला से सराय काले खां की ओर पैदल जाते हुए देखा। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि मजदूरों ने पूछे जाने पर कहा कि किराया नहीं दे पाने पर उनके मकान मालिक ने उन्हें मकान से निकाल दिया। उन्होंने बताया कि ये मजदूर दिल्ली के जनकपुरी इलाके में काम करते थे।
ठाकुर ने बताया कि उनके मकान मालिक से संपर्क किया गया और उन्हें किराया माफ करने के लिए मनाया गया, जो राजी हो गए और फिर मजदूरों को डीटीसी की एक बस से ब्रह्मपुरी स्थित उनके किराये के इस आवास में पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि मजदूरों को एक गैस सिलेंडर और एक महीने का राशन भी दिया गया। (भाषा)