मुंबई। तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को फिर से शुरू करने को लेकर हाल में एक कानून बनाए जाने के बाद महाराष्ट्र विधानसभा ने गुरुवार को राज्यभर में बैलगाड़ी दौड़ को एक बार फिर शुरू करने के लिए एक विधेयक पारित किया।
विधेयक विपक्षी विधायकों की अनुपस्थिति में पारित किया गया। विपक्षी विधायक पिछले कुछ दिनों से सत्र का बहिष्कार कर रहे हैं। पशु क्रूरता रोकथाम (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक के माध्यम से बैलगाड़ी दौड़ को विनियमित किया जाएगा। ग्रामीण महाराष्ट्र में लोकप्रिय इस खेल को वर्ष 2014 में प्रतिबंधित किया गया था।
इस विधेयक पर चर्चा के दौरान पशुपालन मंत्री महादेव जानकर ने कहा कि परंपरा और संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए केंद्र के पशू क्रूरता रोकथाम अधिनियम में संशोधन किया गया है। उन्होंने कहा कि बैलों के देशी नस्लों को बचाए रखने की भी जरूरत है।
जानकर ने कहा कि केंद्रीय कानून में जरूरी संशोधनों के बिना कानूनी रूप से बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन संभव नहीं था। संशोधन के अनुसार संबंधित जिला कलेक्टर की पूर्वानुमति के बाद बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन किया जा सकता है, हालांकि उनको आश्वस्त करना होगा कि इससे पशु को किसी प्रकार का दर्द या परेशानी नहीं होगी। कानून का उल्लंघन करने वालों पर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना या 3 वर्ष तक की जेल की सजा दी जा सकती है। (भाषा)