छपरा (बिहार)। बिहार में जहरीली शराब पीने के कारण कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 अन्य बीमार हो गए।
अधिकारियों के मुताबिक, जहरीली शराब पीने वाले कुछ लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। सारन के जिलाधिकारी राजेश मीणा के मुताबिक, सभी मामले मकेर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों से आए हैं।
जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि ग्रामीणों ने जहरीली शराब का सेवन किया था। यहां 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दो लोगों की मौत हो गई, जहां गंभीर रूप से बीमार लोगों को बृहस्पतिवार को स्थानांतरित किया गया था।
हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि जहरीली शराब लोगों ने कब पी क्योंकि पीड़ितों के परिवार के सदस्य जानकारी साझा करने के लिए तैयार नहीं हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार 10 से अधिक लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है।
सारन के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने कहा कि हम अवैध रूप से शराब बनाने वाले लोगों को पकड़ने के लिए मकेर, मढ़ौरा और भेलडी थाना क्षेत्रों में छापेमारी कर रहे हैं। यह अभियान समाप्त होने के बाद ही हम गिरफ्तारियों की संख्या बता पाएंगे।
स्थानीय निवासियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शराब पीने का सिलसिला मंगलवार की रात से शुरू हुआ और बुधवार तड़के तक जारी रहा। बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने पटना में कहा कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, जिनकी ढिलाई या मिलीभगत के कारण यह घटना हुई होगी। गौरतलब है कि बिहार में पिछले वर्ष नवंबर से लेकर अब तक जहरीली शराब पीने के कारण 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। (भाषा)