सोनीपत। लश्कर-ए-तैयबा के आंतकवादी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को 1996 में सोनीपत में हुए सिलसिलेवार दो बम धमाकों के मामले में मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायालय ने उम्रकैद और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
पुलिस में दर्ज केस के अनुसार सोनीपत शहर में 28 दिसंबर, 1996 को दो स्थानों पर बम विस्फोट हुए थे। पहला धमाका शाम 5 बजकर 15 मिनट पर शहर के बस स्टैंड के पास स्थित बावा सिनेमा हॉल में हुआ था। करीब दस मिनट बाद दूसरा धमाका गीता भवन चौक स्थित एक मिष्ठान भंडार के बाहर हुआ था। धमाके में 10 से अधिक लोग घायल हुए थे। पुलिस ने इस संबंध में इंदिरा कालोनी, सोनीपत निवासी सज्जनसिंह के बयान पर मामला दर्ज किया था।
सज्जन ने पुलिस को बताया था कि वह अपने साथी अनिल व विकास के साथ फिल्म देखने आया था। इसी दौरान हुए धमाके में वह तथा 11 अन्य लोग घायल हुए थे। बाद में पुलिस ने इस संबंध में तीन आरोपियों गाजियाबाद निवासी अब्दुल करीम टुंडा एवं उसके दो साथियों अशोक नगर, पिलखुआ निवासी शकील अहमद और अनार वाली गली तेलीवाड़ा, दिल्ली निवासी मोहम्मद आमिर खान को नामजद किया था।
पुलिस ने शकील और कामरान को वर्ष 1998 में गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन टुंडा घटना के बाद फरार हो गया था। शकील व कामरान को अदालत ने वर्ष 2002 में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। बाद में अब्दुल करीम टुंडा को दिल्ली पुलिस ने अगस्त, 2013 में नेपाल की सीमा से काबू किया था। सोनीपत में चल रहे मामले में सभी 43 गवाही हुई और बहस कराई गई।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. सुशील कुमार की अदालत में आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा के खिलाफ हत्या 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (षड्यंत्र रचना) व 3, 4 एक्सप्लोसिव एक्ट (बम ब्लास्ट करना) के मामले में उम्रकैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर उसे एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। (वार्ता)