देहरादून। देश की प्रशासनिक अकादमी लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी में एक महिला पिछले छह माह से जाली परिचय पत्र बनवाकर रुकी रही। इस दौरान भारत के राष्ट्रपति भी अकादमी में आकर चले गए, लेकिन महिला का फ्रॉड पकड़ में नहीं आया।
अब इस महिला के अचानक अकादमी से नदारद होने पर यह आशंका व्यक्त की गई है कि कहीं यह महिला यहां की रैकी करने तो नहीं आई थी। जासूसी करने के उद्देश्य से आने के एंगल पर भी पुलिस इस गुमशुदगी को देख रही है। महिला मुजफ्फरनगर की रहने वाली बताई जा रही है जो यहां एसडीएम बनकर गार्ड रूम में रहती रही।
यह महिला देश की उस प्रशासनिक अकादमी में आराम से सबको बेवकूफ बनाकर रहती रही जहां के कर्मचारी भी बिना आइडेंटिटी कार्ड दिखाकर ऑफिस नहीं आ सकते। महिला अकादमी परिसर एवं लाइब्रेरी में आती जाती रही। सूत्रों की जानकारी के मुताबिक पहचान पत्र फर्जी होने के खुलासे के बाद महिला को वहां से नदारद होने का मौका दे दिया गया। महिला के जाने के आठ दिन बाद इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर अब एलबीएसए के सुरक्षाधिकारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।
उनकी रिपोर्ट पर पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। रूबी चौधरी पुत्री सत्यवीरसिंह चौधरी निवासी कुतबी गांव मुजफ्फरनगर सितंबर 2014 में यहां आई थी उसने राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान नैनीताल से जारी पहचान पत्र दिखाया। इस पहचान पत्र में उसे एसडीएम दिखाया गया था। अकादमी के एक वरिष्ठ अधिकारी के कहने पर उक्त महिला को एक गार्ड रूम में ठहरा दिया गया। सितम्बर से मार्च 23 तक महिला यहां रही।
जब अकादमी में महिला की मौजूदगी को लेकर सवाल उठने लगे तो उसके दस्तावेजों की जांच होने के बाद पहचान पत्र फर्जी बताया गया। 23 मार्च को उसे अकादमी से चलता कर दिया गया। अब उसको भगाने के जुर्म में देवसिंह नामक सुरक्षा गार्ड को निलंबित किया गया है। कहा जा रहा है कि देव ने ही उेस भागने में मदद की, वह उसी के कक्ष में रहती थी।