कोच्चि/नई दिल्ली। केरल में घातक निपाह वायरस के एक मामले की पुष्टि के बाद उसके संपर्क में आये 86 लोगों को निगरानी में रखा गया है। सरकार ने कहा है कि सभी एहतियाती कदम उठाये जा रहे हैं और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। राज्य में सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि केरल में निपाह वायरस के एक मामले की पुष्टि हुई है। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में उसके नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। बीती रात इंस्टीट्यूट ने निपा वायरस की पुष्टि कर दी है। मरीज के संपर्क में आये 80 से ज्यादा लोगों की पहचान की गयी है। उन सब के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है तथा जरूरत पड़ने पर उन्हें बाकी लोगों से अलग भी रखा जा रहा है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने बताया कि थोडुपुझा के नजदीक एक इंस्टि्टयूट में अध्ययन कर रहे 23 वर्षीय छात्र के नमूने में वायरस की मौजूदगी पाई गई है। वह परावुर का रहने वाला है और त्रिशुर में एक शिविर में शामिल हुआ था। उसका इलाज कोच्चि के एस्टर मेडिसिटी में चल रहा है।
शैलजा ने कहा कि प्राथमिकता इस रोग को बढ़ने से रोकना है और राज्य में करीब 86 लोगों को निगरानी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि रोगी के साथ संपर्क में रहीं दो नर्सों समेत चार और लोगों में निपाह के लक्षण पाए गए हैं और उन्हें भी निगरानी में रखा गया है। उनमें से एक को अलग वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज सुबह ही उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और वायरोलॉजी विशेषज्ञों का एक छह सदस्यीय दल केरल पहुँच चुका है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र में एक हेल्पलाइन बनाई गई है।
उन्होंने बताया कि वह केरल के स्वास्थ्य मंत्री तथा केरल सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं। केंद्र सरकार इस वायरस के नियंत्रण के लिए राज्य को हर संभव मदद दे रही है। सरकार ने वन्य जीव विभाग से चमगादड़ों को पकड़कर उनमें वायरस की मौजूदगी की जांच करने के लिए कहा है। पिछले साल भी केरल में 18 लोगों में निपा वायरस की पुष्टि हुई थी जिनमें 17 की मौत हो गई थी।