नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर शुक्रवार को उस समय भारी ड्रामा हो गया जब मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे दिल्ली के बर्खास्त नेता कपिल मिश्रा और उनके समर्थकों को पुलिस ने अंदर जाने से रोक दिया।
सिविल लाइंस में केजरीवाल के निवास में दाखिल नहीं हो पाने से नाराज मिश्रा और उनके समर्थक नारेबाजी करने लगे और वहीं धरने पर बैठ गए।
मिश्रा मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के नेता सत्येंद्र जैन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को उठाने के लिए केजरीवाल से उनके 'जनता दरबार' में मिलना चाहते थे।
मिश्रा ने कहा, 'मैं यहां सिर्फ 15-20 लोगों के साथ आया था। ऐसे जनता दरबार का क्या फायदा, जब यहां जनता को आने की अनुमति नहीं है?' उन्होंने पहले ही जनता दरबार में आने का ऐलान कर दिया था जिसके बाद पुलिस ने बख्रास्त मंत्री एवं उनके समर्थकों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री निवास के आस-पास अवरोधक लगा दिए थे।
मिश्रा ने पत्रकारों से कहा, 'हम यहां केजरीवाल और जैन के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर चर्चा के लिए राम लीला मैदान में दिल्ली विधानसभा का एक विशेष सत्र आयोजित किए जाने की मांग करने आए थे लेकिन हमें यहां से आगे ही नहीं बढ़ने दिया गया।'
मिश्रा ने केजरीवाल और जैन से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। (भाषा)