भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार की स्थिरता को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा जहां लगातार सवाल उठा रही है। वहीं अब कांग्रेस भी हमलावर हो गई है। रविवार को कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक के बहाने एक तरह से अपना शक्ति प्रदर्शन किया।
चुनाव में मिली हार की समीक्षा करने और विधायकों से कामकाज की रिपोर्ट लेने के लिए मुख्यमंत्री निवास में पार्टी विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस के सभी विधायकों के साथ सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय और सपा और बसपा के विधायक भी पहुंचे।
शाम 4 बजे शुरू हुई विधायक दल की बैठक 3 घंटे से अधिक समय तक चली। बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ भी शामिल हुए।
बैठक के बाद बाहर निकले दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और सभी 121 विधायक सरकार के साथ है।
कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि सभी विधायक एकजुट है और सभी ने सरकार में अपना विश्वास व्यक्त किया है। बैठक में शामिल हुए निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बैठक में विधायकों के रूके हुए कामों को जल्द से जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।
विधायकों को मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश : विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायकों को अपने क्षेत्र में सक्रिय रहने के निर्देश दिए। लोकसभा चुनाव में मिली हार का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने विधायकों से साफ शब्दों में कहा कि अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को स्थानीय स्तर पर ही निराकरण करने और जिले के अफसरों के साथ समन्वय कर विकास कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके साथ बैठक में कर्जमाफी के मुद्दें को लेकर भी चर्चा हुई।